नई दिल्ली: एक बार फिर बिहार की राजनिती में बड़ा धमाका हुआ है। हाल ही में रालोसपा का विघटन जदयू में हुआ था। विघटन के बाद से ही यह कयास् लगाये जा रहे थे कि उपेन्द्र कुशवाहा नीतीश मंत्रिमंडल का यानि बिहार सरकार का हिस्सा हो सकते है। एक बार फिर ये कयास् सच में तबदील हो रहा है।
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जेडीयू अब कुशवाहा को एमएलसी बनायेगीं
जेडीयू उपेंद्र कुशवाहा को एमएलसी बनाएगा। इसके साथ अब कुशवाहा को राज्यसभा भेजे जाने के कयासों पर फिलहाल विराम लग गया है। इस लिस्ट के जारी होने के बाद यह तय हो गया है कि राज्यपाल कोटे के तहत जेडीयू की छह सीटों में हिंदुस्तानी अवाम माोर्चा को एक भी सीट नहीं मिली है। राज्यपाल कोटे के तहत शेष छह सीटें भारतीय जनता पार्टी के खाते में हैं।
पार्टी में शामिल होते ही कुशवाहा को बनाया था संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष
बता दें कि पार्टी में शामिल होते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुशवाहा को पार्टी के संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बना दिया था। माना जा रहा था कि जेडीयू उन्हें राज्यसभा भेजेगा, लेकिन इस कयास पर फिलहाल विराम लग गया है। पार्टी ने उन्हें बिहार में एमएलसी बनाने का फैसला किया है। उपेंद्र कुशवाहा कहते हैं कि उन्होंने देश व बिहार के हित में बिना शर्त अपनी पार्टी का जेडीयू में विलय किया है, लेकिन अब आगे राज्य मंत्रिमंडल के विस्तार में उन्हें मंत्री बनाए जाने के कयास भी लगाए जा रहे हैं।
जेडीयू की लिस्ट में शामिल अशोक चौधरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का करीबी माना जाता है। वे नीतीश कुमार की सरकार में पहले से मंत्री हैं। उधर, लिस्ट में शामिल नीतीश कुमार के एक और करीबी संजय सिंह पार्टी के प्रवक्ता हैं।
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