गलत कौन ? सरकारी या बिहारी
‘बिहार : समय पर एंबुलेंस न मिलने से गई मासूम बच्चे की जान, शव ले जाने के लिए भी नहीं मिला वाहन
कोरोना वायरस (COVID19) को लेकर स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर है। इसी बीच स्वास्थ्य विभाग की बिहार (Bihar) के जहानाबाद से बड़ी लापरवाही की खबर सामने आई है। जहां एंबुलेंस और उचित इलाज नहीं मिलने के कारण तीन साल के एक मासूम की मौत हो गई। अब इस मामले के सामने आने के बाद जिलाधिकारी मामले की जांच के बाद अस्पताल के सात कर्मचारी और स्वस्थ्य प्रबंधक को निलंबित कर दिया गया है।
पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल किया था रेफर
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि शुक्रवार को अरवल जिले के शाहपुर गांव के रहने वाले गिरजेष कुमार अपने तीन साल के बीमार बेटे रिशु को लेकर जहानाबाद सदर अस्पताल इलाज करने पहुंचे थे। रिशु को खांसी और बुखार था। चिकित्सकों ने बीमार रिशु की स्थिति देखकर इसे पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाने की सलाह दी।
मृतक के पिता का आरोप, शव ले जाने के लिए भी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं करवाया गया
मृतक के पिता गिरजेश कुमार का आरोप है कि रेफर किए जाने के बाद उन्हें एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिली। गिरजेश ने पत्रकारों को बताया कि तमाम कोशिशों के बाद भी प्रशासन की ओर से एंबुलेंस का इंतजाम नहीं किया जा सका और इलाज के अभाव में उसके पुत्र की मौत हो गई।उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण कोई निजी वाहन भी उपलब्ध नहीं हो सके। गिरजेश का आरोप है कि शव को ले जाने के लिए भी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं करवाया गया।
भले हीं अब कितने ही निलंबन हो जाये लेकिन एक घर का चिराग बुझ गया ऐसे में ,