लखनऊ : उत्तर प्रदेश में अब राज्य स्मार्ट सिटी के कार्यों में तेजी आएगी। अभी तक टेंडर जारी करने और बिड के तकनीकी व वित्तीय मूल्यांकन एवं भुगतान की प्रक्रिया निर्धारण न होने से इसके कार्य नहीं हो पा रहे थे। प्रदेश सरकार ने नगर आयुक्त की अध्यक्षता में समिति गठित कर दी है। साथ ही परियोजनाओं के लिए धनराशि उपयोग के विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। टेंडर की स्वीकृति नगर आयुक्त के माध्यम से मंडलायुक्त करेंगे।
स्मार्ट सिटी योजना में ये नाम शामिल
उत्तर प्रदेश में 17 नगर निगम हैं। 10 नगर निगम वाले शहर केंद्र की स्मार्ट सिटी योजना में शामिल हैं। बचे हुए सात नगर निगम प्रदेश सरकार ने अपने खर्चे पर स्मार्ट बनाने का निर्णय लिया था। राज्य स्मार्ट सिटी योजना के तहत सात नगर निगम मेरठ, गाजियाबाद, अयोध्या, फीरोजाबाद, गोरखपुर, मथुरा-वृदावन एवं शाहजहांपुर का चयन वर्ष 2019 में हो चुका है।
Covid19 : तीसरी लहर को लेकर एम्स निदेशक ने दी चेतावनी, बच्चों का रखें ख्याल
सरकार ने सितंबर 2019 में इसके दिशा-निर्देश जारी किए थे किंतु उस समय टेंडर निकालने, उसके तकनीकी व वित्तीय मूल्यांकन एवं भुगतान की प्रक्रिया निर्धारित नहीं की गई थी। इस कारण राज्य स्मार्ट सिटी योजना के तहत कुछ काम ही नहीं हो पा रहा था।
सरकार ने कर दी समिति गठित
अब सरकार ने सभी नगर निगमों के लिए नगर आयुक्त की अध्यक्षता में समिति गठित कर दी है। जिलाधिकारी द्वारा नामित प्रभारी अधिकारी, नगर निगम के मुख्य अभियंता/अधिशासी अभियंता, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा नामित अपर पुलिस अधीक्षक, मिशन निदेशक द्वारा नामित टेक्निकल सपोर्ट ग्रुप का एक सदस्य, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग, अधिशासी अभियंता पावर कारपोरेशन इसके सदस्य होंगे। इसके अलावा समिति के अध्यक्ष जरूरत के मुताबिक विशेषज्ञों को सदस्य के रूप में नामित कर सकेंगे।