जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं। भगवंत गुरुवार को चंडीगढ़ में डॉ. गुरप्रीत कौर से शादी करेंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी भगवंत मान की शादी में शिरकत करेंगे। शादी समारोह का कार्यक्रम उनके आवास पर ही होगा। आपको बता दें, भगवंत 48 की उम्र में दूसरी बार शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं। उन्होंने पहली शादी इंद्रप्रीत कौर से की थी। इस शादी से उन्हें दो बच्चे हुए थे। बेटे दिलशान मान और बेटी सीरत कौर मान। भगवंत मान की बेटी सीरत 21 साल की हैं और बेटा दिलशाद मान 17 साल के हैं। दोनों बच्चे तलाक के बाद से ही अपनी मां के साथ अमेरिका में रहते हैं।
2015 में लिया था पहली पत्नी से तलाक
20 मार्च 2015 को भगवंत मान और इंद्रप्रीत कौर ने आपसी सहमति से एक- दूसरे से तलाक लिया था। तलाक के समय भगवंत मान की पत्नी ने शर्त रखी थी कि अगर उनके पति भगवंत मान भारत छोड़कर उनके साथ कैलिफोर्निया शिफ्ट हो जाते हैं तो वे तलाक की अर्जी वापस ले लेंगी। वहीं मान राजनीति छोड़कर विदेश नहीं जाना चाहते थे। मान का तर्क था कि लोगों ने उन्हें बहुत विश्वास से चुना है और वे लोगों का भरोसा नहीं तोड़ सकते। अगर उनकी पत्नी इंद्रप्रीत कौर उनके साथ भारत में सैटल होने को तैयार हो जाएगीं। तब वे तलाक की अर्जी वापस ले लेंगे। दोनों अपनी-अपनी बात पर अड़े रहे और दोनों का तलाक हो गया।
कौन है गुरप्रीत कौर?
भगवंत मान की होने वाली दूसरी पत्नी डॉ. गुरप्रीत कौर हरियाणा के हिसार की रहने वाली हैं। गुरप्रीत बहुत ही साधारण परिवार से हैं। वह भगवंत मान को पिछले डेढ़ साल से जानती हैं। बताया जा रहा है कि भगवंत मान के लिए गुरप्रीत कौर को उनकी मां और बहन ने पसंद किया है। उसके बाद भगवंत मान भी गुरप्रीत से मिले और शादी के लिए मान गए। अब साधारण तरीके से दोनों की शादी हो रही है। गुरप्रीत भगवंत मान से 16 साल छोटी हैं। बताया जा रहा है कि भगवंत मान के पंजाब सीएम बनने से पहले ही दोनों की शादी तय थी लेकिन पंजाब विधानसभा चुनाव और भगवंत मान के सीएम बनने के चलते शादी टल गई थी।
भगवंत मान का राजनीती सफर
आपको बता दें, भगवंत मान ने पंजाब पीपल्स पार्टी से राजनीतिक करियर की शुरुआत की। प्रकाश सिंह बादल के भतीजे और तत्कालीन वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने जब मार्च 2011 में पंजाब में पीपल्स पार्टी का गठन किया था। उस दौरान ही भगवंत मान राजनीति में कूदे थे। और पीपीपी के संस्थापक नेताओं में से एक चुने गए थे। फरवरी 2012 में पंजाब विधान सभा चुनाव में भगवंत मान ने लहरागागा निर्वाचन क्षेत्र से पीपीपी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
इसके बाद साल 2014 में आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। 2014 के लोक सभा चुनाव में आम आदमी पार्टी में शामिल भगवंत मान ने चार सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके बाद 2019 के लोक सभा चुनाव में भगवंत मान ने जीत दर्ज की थी। भगवंत मान के नेतृत्व में आप की ऐतिहासिक जीत थी। आम आदमी पार्टी ने पंजाब की 117 सीटों में से 92 पर जीत हासिल की और दो-तिहाई बहुमत हासिल किया था। आपको बता दें, पंजाब के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की प्रचंड जीत के बाद भगवंत मान ने 17वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।