नई दिल्ली : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कर्मभूमि गोरखपुर के दो दिनी प्रवास पर रविवार को दूसरे दिन 500 करोड़ से अधिक की योजनाओं का तोहफा दिया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर क्लब में गोरखपुर शहर, गोरखपुर ग्रामीण, पिपराइच एवं चौरी-चौरा विधानसभा क्षेत्रों की 573 करोड़ से अधिक लागत की 37 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।

इस बड़े कार्य के कारण भी भारत पूरे विश्व में चर्चा का विषय बना है। अब देश में चारों ही तरफ बड़ा परिवर्तन भी दिख रहा है। पीएम मोदी तो सिर्फ अपने काम में लगे हैं, लेकिन आलोचना करने वालों को तो हर काम में कमी निकालनी ही है। पीएम मोदी कभी की बेकार का आलोचना से विचलित होने वालों में से नहीं हैं।
देश में हो रहा है परिवर्तन-
अब देश में चारों ही तरफ बड़ा परिवर्तन भी दिख रहा है। पीएम मोदी तो सिर्फ अपने काम में लगे हैं, लेकिन आलोचना करने वालों को तो हर काम में कमी निकालनी ही है। पीएम मोदी कभी की बेकार का आलोचना से विचलित होने वालों में से नहीं हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में आज भारत पहला देश है जिसने कोविड-19 की दो वैक्सीन एक साथ लॉन्च कर दी हैं। आज भारत ने दुनिया के सामने साबित कर दिया है, दुनिया में एक वैक्सीन आई है और भारत एक साथ दो वैक्सीन लॉन्च कर रहा है। इस बड़े कार्य के कारण भी भारत पूरे विश्व में चर्चा का विषय बना है।
पूर्वांचल को मिलेगा लाभ-
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विकास की यह प्रक्रिया हमारी आने वाली पीढ़ी के जीवन में एक नए उमंग, उत्साह के साथ एक नई दिशा देने का कार्य करेगी। आज मुझे इस दृष्टि से इन परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास करते हुए काफी प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है। यह विकास हम सबके जीवन में परिवर्तन लाएगा और रोजगार का सृजन करेगा। जो पूर्वी उत्तर प्रदेश अन्य मामलों में देश में पिछड़ गया था, यह विकास कार्य ही उसे फिर से देश के अंदर एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए खड़ा करेगा। आज एकसाथ गोरखपुर महानगर, पिपराइच, गोरखपुर ग्रामीण और चौरी-चौरा विस क्षेत्र की लगभग 573 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास कार्यक्रम यहां पर संपन्न हो रहा है, जिसका लाभ पूरा पूर्वांचल लेगा।
इन समस्याओं से मुक्त हुआ उत्तर प्रदेश-
उत्तर प्रदेश अब निर्णायक भूमिका में रहता है। हमने पूर्वांचल को हर बड़े संकट से मुक्ति दिलाने के साथ ही बाढ़ की समस्या को भी नियंत्रित किया है। पहले उत्तर प्रदेश में 75 में से 40 जनपद ऐसे थे, जो या तो अतिसंवेदनशील थे या फिर संवेदनशील थे। यहां बाढ़ के कारण व्यापक रूप से जन-धन की हानि होती थी, लोगों की मृत्यु होती थी, फसलें डूबती थीं और गांव के गांव बह जाते थे। बीते साढ़े तीन वर्षों में हमने बाढ़ को नियंत्रित करने का कार्य किया तथा बाढ़ रोकथाम संबंधी सभी कार्य बरसात से पहले पूरे करने के निर्देश दिए।