लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यूपी पुलिस के नए मुख्यालय का उद्घटान किया। आप को बता दें कि इस मुख्यालय का नाम सिग्नेचर बिल्डिंग रखा गया, जिसको 816 करोड़ की लागत से नई टेक्निक के साथ बनाया गया है। बता दें कि नया मुख्यालय डीजीपी के साथ ही पुलिस की 18 इकाइयों के मुख्यालय और उनके मुखिया का भी ऑफिस होगा। 40178 वर्ग मीटर में फैले मुख्यालय में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मौजूद हैं।
क्या है सिग्नेचर बिल्डिंग की खासियत
यूपी पुलिस को आज शाम सीएम योगी के द्वारा एक बड़ी सौगात दी जायेगी। ये सौगात पुलिस विभाग को लखनऊ में स्थित बन रहे पुलिस मुख्यालय के रूप में दी जा रही है। सिग्नेचर बिल्डिंग को खासतौर पर डिजाईन किया गया है। इस बिल्डिंग में चार टावर हैं। साथ ही फिटनेस सेंटर, हेलीपैड के अलावा भी इसमें कई आधुनिक सुख-सुविधाएं मौजूद है। इस बिल्डिंग में नौवें फ्लोर पर डीजीपी का ऑफिस बना है। डीजीपी अब इस ऑफिस में बैठ भी रहे हैं। इस बिल्डिंग के तीन अन्य टॉवरों में से एक के सबसे ऊपरी तल पर एक कॉन्फ्रेंस रूम, दूसरे में लाउंज और तीसरे में डीजीपी के सहायकों के लिए बैठने की जगह तय की गई है। आठवें तल पर डीजीपी मुख्यालय से संबंधित अधिकारी और उनके कक्ष बनाए गए हैं।
अखिलेश यादव ने किया था शिलान्यास
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार में इस बिल्डिंग के निर्माण का काम शुरू हुआ था। यूपी में योगी सरकार आने के बाद यूपी पुलिस को और मजबूत और हाईटेक करने के उपदेश्य इसके निर्माण में तेजी लायी गयी, जिससे की बढ़ते अपराध को रोकने के लिए उच्च अधिकारी एकजुट बैठ कर मंथन कर सके।
यूपी डीजीपी रखेंगे यहाँ से नजर
सिग्नेचर बिल्डिंग को काफी सोच-समझ कर तैयार किया गया है, ताकि डीजीपी खुद पुलिस को यहाँ से बैठ कर मॉनिटर कर सके। इस बिल्डिंग के तीन अन्य टॉवरों में से एक के सबसे ऊपरी तल पर एक कॉन्फ्रेंस रूम, दूसरे में लाउंज और तीसरे में डीजीपी के सहायकों के लिए बैठने की जगह तय की गई है। आठवें तल पर डीजीपी मुख्यालय से संबंधित अधिकारी और उनके कक्ष बनाए गए हैं। सिग्नेचर बिल्डिंग के 9वे फ्लोर पर डीजीपी का दफ्तर बनाया गया है। वही बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर पुलिस का म्यूजियम, सभी कंट्रोल रूम, पीआरओ दफ्तर, पेंशनर्स ऑफिस, लाइब्रेरी और विजिटर रूम बनाए गए हैं। इस बिल्डिंग के बनने से पुलिस अधिकारियो और कर्मचारियों को अब अलग-अलग अधिकारियो के दफ्तर तक फाइल लेकर नहीं जाना पड़ेगा और एक ही बिल्डिंग में पुलिस की विभिन्न शाखाओं को आपस में सूचनाओं के आदान–प्रदान में सहूलियत होगी।