संतकबीरनगर : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के संतकबीरनगर (Sant Kabir Nagar) में अस्पताल की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है। यहां अस्पताल प्रशासन ने कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज (Corona Positive) की मौत के बाद उसके परिजनों की जगह, जिंदा मरीज के परिजनों को फोन कर बेटे की मौत की सूचना दे दी। बेटे की मौत की खबर के बाद परिवार में कोहराम मच गया। घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल था। बाद में अस्पताल की ओर से शव को परिजनों के पास भेजा गया और फिर पुलिस की मौजूदगी में शव को अंतिम संस्कार के लिए घाट ले जाया गया। तभी पिता ने बेटे का चेहरा देखने की ज़िद कर दी । पिता को बेटे का चेहरा दिखाने के लिये जब शव से कफन हटाया तो सभी के होश उड़ गए। जिस शव का अंतिम संस्कार करने जा रहे थे वो तो उनका बेटा था ही नही।
Corona Positive युवक की मौत पर मातम, सुबह जिन्दा निकला
परिजनों ने शव को पहचानने से इनकार कर दिया, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया। दरअसल, जिस मरीज की मौत हुई थी, वह धर्मसिंहवा इलाके के महादेवा नानकार का रहने वाला था। 47 वर्षीय इस व्यक्ति को कोविड-19 पॉजिटिव पाए जाने के बाद बस्ती के कैली अस्पताल में भर्ती कराया था, लेकिन सोमवार रात में ही उसकी मौत हो गई थी, लेकिन अस्पताल ने मृतक के परिजनों की जगह यहां भर्ती दूसरे मरीज के पिता को फोन पर बेटे की मौत की सूचना दे दी थी।
सामने आई अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही
अस्पताल ने मृतक के शव को उनके घर पहुंचा दिया और इसके बाद पुरे परिवार में कोहराम मच गया। परिजन रो-रोकर बेहाल हो चुके थे, लेकिन अंतिम संस्कार के वक्त जैसे ही पिता ने चेहरे के कफन हटाया तो उन्होंने शव की शिनाख्त से इनकार कर दिया। बाद में उन्हें पता चला कि उनका बेटा अभी जिंदा और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
जिलधिकारी ने कहा – मामले की होगी जांच
इस मामले पर जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने कहा कि मरीज की पहचान को लेकर गलतफहमी हो गई थी। जिस व्यक्ति को फोन किया गया था उनका बेटा जिंदा है। उधर, मृतक शख्स के शव का अंतिम संस्कार कोविड के प्रोटोकॉल के अनुसार कराया जाएगा। जिलाधिकारी ने इस पूरे प्रकरण की जांच कराए जाने की भी बात कही है।