नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जानकारी दी गई कि भारत में अबतक जितने लोगों को कोरोना के टिके लगाए गए है, उसमें से सिर्फ एक हजार लोगों में इसके लक्ष दिखाई दिये गए । जबकि दौ हजार लोग ऐसे हैं, जिन्हें वैक्सीन लगने के बाद दौबारा अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी । भारत में 16 जनवरी से वैक्सीन का काम तेजी से शुरू हो चुका है और अब तक 16 लाख लोगो को कोरोना का टिका लगाया जा चुका है ।
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सामने आए ये साईड इफेक्ट –
देश में शुरू हुए कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम को लेकर ये खबर सामने आयी है, दिल्ली एम्स के सुरक्षा गार्ड ने कोरोना वैक्सीन लेने के बाद एलर्जी होने की बात की है। उन्हें वहीं अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है । वहीं एनडीएमसी के द्वारा बताए गए चरक पालिका अस्पताल के दो स्वास्थ्यकर्मियों में भी कोरोना वैक्सीन लगने के बाद हल्के साइड इफेक्ट देखे गए हैं. जानकारी के मुताबिक दोनों को छाती में हल्की जकड़न का सामना करना पड़ा। हालांकि, एईएफआई टीम द्वारा उन्हें निगरानी में रखा गया और जब उन्हें ठीक महसूस हुआ तो 30 मिनट के बाद छुट्टी दे दी गई।
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स्वास्थ्य मंत्रालय का बयान –
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सभी स्वास्थ्यकर्मियों को आगे आकर कोरोना का टीका लगवाना चाहिए, टिके को लेकर जितनी भी गलत अफवाह बताई जा रही है. उनपर ध्यान नहीं देना चाहिए, केंद्रीय सरकार ने भरोसा दिलाया कि देश में जिन दो वैक्सीन को मंजूरी मिली हैं, वो बिल्कुल ठीक हैं ।
हालांकि बीते दिनों कोरोना का टीका लगवाने के बाद दो व्यक्तियों की मौत की बात भी सामने आई है, लेकिन बाद में सरकार ने अपने बयान में कहा कि मौत का कारण कोरोना का टिका नहीं है ,ईस बात की पुष्टि पोस्टमॉर्टम से कि गई है। भारत में पिछले चार दिन में करीब 6 लाख से अधिक लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है. एक दिन में वैक्सीन लगाने के मामले में भारत अब अमेरिका से भी आगे बताया जारा है ।