नई दिल्ली : Bihar Politics : बीते दिनों से बिहार पॉलिटिक्स अपने शिखर पर है ,जिसके चलते एक के बाद एक विवाद सामने आ रहा है ,हाल ही में तेजस्वी यादव और उनके कार्यकर्ता किया द्वारा जाति जनगणना योजना को लेकर बिहार में प्रदर्शन भी किया गया था। वही आज फिर बिहार सरकार के साथ साथ सभी पार्टीज विवादों में है। दरअसल फरवरी 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने सभी पार्टीयो को अपने उम्मेदवारों के चयन के साथ – साथ उनका आपराधिक इतिहास भी जनता के सामने उजागर करना होगा।
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Bihar Politics : होम पेज पर अपने उम्मीदवारों के रिकॉर्ड
बता दें , सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि सभी राजनीतिक दल अपनी वेबसाइट के होम पेज पर अपने उम्मीदवारों के रिकॉर्ड की जानकारी देने वाला एक आइकन बनाएंगे , जिस पर क्लिक करते ही मतदाता के सामने उम्मीदवार की सारी जानकारियां आ जाएंगी. सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी को चेतावनी देकर छोड़ दिया हैं।. कोर्ट ने कहा कि वार्तालाप ना करें. अदालत के आदेशों का पालन भावना के साथ करें.
Bihar Politics: राजनैतिक दलों को पर एक लाख रुपये जुर्माना
कांग्रेस पार्टी और सीपीएम पर पांच लाख रुपये जुर्माना लगाया हैं तो वही बाकि राजनैतिक दलों को पर एक लाख रुपये जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने चुनाव आयोग को यह आदेश भी दियाहै कि एक ऐप बनाएं जिसके जरिए जनता अपने उम्मीदवारों के संबंध में जानकारी हासिल करे सके।साथ ही चुनाव आयोग एक फंड भी बनाए जिसमें जुर्माने की रकम का उपयोग किया जाये और जनता की योजनाओं में काम आ सके।