जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: दिल्ली सरकार जीएसटी परिषद् की बैठक में कपड़े पर बढ़े टैक्स का कड़ा विरोध करेगी और बढ़े हुए टैक्स को वापस लेने की मांग की जाएगी। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्रालय संभाल रहे मनीष सिसोदिया ने कहा, कपड़ों पर बढ़े टैक्स से छोटे व्यापारियों का कारोबार प्रभावित होगा, साथ ही आम आदमी के बजट पर भी भार पड़ेगा।
मनीष सिसोदिया ने कहा, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार हमेशा टैक्स दरों को कम रखने के पक्ष में रही है। लेकिन केंद्र सरकार लगातार टैक्स बढ़ाकर लोगों की कमर तोड़ने का काम कर रही है। केंद्र सरकार को अपनी कुम्भकर्णी नींद से जागकर महंगाई कम करने की जरुरत है।
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उल्लेखनीय है कि जीएसटी परिषद ने जीएसटी दर में संशोधन के लिए कुछ सिफारिशें की थीं, जिनमें से ज्यादातर ड्यूटी स्ट्रक्चर और अन्य विसंगतियों को दूर करने के लिए थीं। इसमें कपड़ा क्षेत्र में दरों में संशोधन शामिल है जो 1 जनवरी, 2022 से लागू होगा। फिलहाल कपड़े पर 1000 रुपये प्रति पीस तक की बिक्री पर 5% टैक्स लगता है। जीएसटी परिषद की कपड़ा पर जीएसटी दरों को 5% से बढ़ाकर 12% करने पर टेक्सटाइल क्षेत्र में काम करने वाले छोटे व्यापारियों की एक बड़ी संख्या के साथ-साथ उपभोक्ताओं को भी प्रभावित करेगी। इस तरह के निर्णय से मार्केट पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। जिसके परिणामस्वरूप मांग में गिरावट आ सकती है और मार्केट को मंदी का सामना करना पड़ सकता है।