जनतंत्र डेस्क, बिहार: कुछ दिन पहले ही सरकार अग्निपथ स्कीम लेकर आई है। जिसमें बताया गया था 4 साल के लिए युवाओं सेना में भर्ती करा जाएगा। लेकिन आपको बताा दें कि सेना में भर्ती के लिए लाई गई ‘अग्निपथ स्कीम’ का विरोध तेज हो गया है। राजनीतिक दलों के साथ-साथ आम युवा भी इसका विरोध जता रहे हैं। खासकर बिहार में बवाल बढ़ता जा रहा है। इसके अलावा गुरुग्राम में भी आज प्रदर्शन हुआ है।
सेना में बहाली के सरकार द्वारा शुरू की गई अग्निपथ स्कीम के विरोध में आरा में छात्रों का उग्र प्रदर्शन आज दूसरे दिन भी जारी है। अग्निपथ के विरोध में छात्रों ने आरा में रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया है। छात्र केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
बता दें कि अग्निपथ स्कीम का विरोध गुरुग्राम में भी हो रहा है। गुरुग्राम में दिल्ली-जयपुर हाइवे को जाम किया गया है। बिलासपुर थाना क्षेत्र से लगते एनएच 48 को सैकड़ों युवाओं ने जाम किया है। युवाओं का कहना है कि पिछले 3 साल से फौज में भर्ती नहीं की गई है और अब सिर्फ 4 साल की भर्ती की जाएगी।
क्या है अग्निपथ स्कीम?
भारतीय सेना में पहली बार ऐसी कोई स्कीम लॉन्च की गई है, जिसमें शॉर्ट टर्म के लिए सैनिकों की भर्ती की जाएगी। इस योजना के तहत हर साल करीब 40-45 हजार युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा। ये युवा साढ़े 17 साल से 21 साल की उम्र के बीच के होंगे।
-ये भर्तियां मेरिट और मेडिकल टेस्ट के आधार पर की जाएंगी।
-इन चार वर्षों में सैनिकों को 6 महीने की बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाएगी।
-30-40 हजार मासिक वेतन के साथ अन्य लाभ भी दिए जाएंगे।
-पहले साल में 30 हजार, दूसरे साल में 33 हजार, तीसरे साल में 36500 और चौथे साल में 40 हजार मासिक वेतन दिया जाएगा।
-चार साल पूरे होने के बाद इन सभी अग्निवीरों की सेवा समाप्त हो जाएगी और फिर नई भर्तियां की जाएंगी।
-सेवा समाप्त होने वाले 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी काडर में भर्ती किया जाएगा।
अग्निपथ भर्ती योजना का क्यों हो रहा है विरोध?
सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आर्म्ड फोर्सेज में 4 साल की नौकरी के लिए अग्निपथ भर्ती योजना शुरू की। इसके तहत 90 दिनों के भीतर करीब 46 हजार भर्तियां होनी है। बताया गया है कि ये भर्तियां देश के सभी 773 जिलों से होंगी। लेकिन कई युवा इससे खुश नहीं है। कहा जा रहा है कि इससे पिछले दो साल में हुई परीक्षाओं का कोई औचित्य नहीं रह गया, क्योंकि बताया गया कि वो भर्तियां भी इसी प्रोग्राम के तहत होंगी। परीक्षा देकर रिजल्ट का इंतजार कर रहे कई स्टूडेंट्स सरकार के इस फैसले से नाराज हैं. सड़कों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी गुस्सा देखा जा रहा है।