जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार ने ऑटो परमिट की कालाबाजारी की शिकायतों को देखते हुए ऑटो पंजीकरण और ट्रासंफर की प्रक्रिया में नया बदलाव किया है। इसके तहत लोन नहीं चुकाने की स्थिति में फाइनेंसरों द्वारा कब्जा किए गए ऑटो को अब एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को सीधे ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है।
बता दें कि लोन डिफ्लटर होने पर फाइनेंसरों द्वारा कब्जा किए गए ऑटो को बिना परमिट के पहले वित्तीय सस्थांनों के नाम पर रजिस्ट्रेशन या ट्रांसफर करना होगा। इसके बाद ही वो किसी अन्य थर्ड पार्टी के नाम पर रजिस्ट्रेशन या ट्रांसफर किया जा सकेगा।
इस संबंध में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि नियम होने के बावजूद बहुत से वास्तविक लोन डिफ्टरों को फाइनेंसरों की तरफ से परेशान किया जा रहा है, केजरीवाल सरकार ऐसे सभी भ्रष्टाचारों के खिलाफ लड़ने और परेशानी को समाप्त करने में विश्वास रखती है।
जानकारी के लिए बता दें कि अन्य परिवहन/गैर-परिवहन वाहनों को भी इसका अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश तैयार कर रहा है। विभाग ऐसे सरेंडर किए गए परमिटों की सूची और फाइनेंसरों के नाम पर वाहनों के पंजीकरण को प्रवर्तन शाखा के साथ साझा करेगा, ताकि किसी भी अनाधिकृत संचालन की जांच की जा सके।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि एक नियम के बावजूद बहुत से वास्तविक लोन डिफ्टरों को फाइनेंसरों द्वारा परेशान किया जा रहा है। हमारी सरकार ऐसे सभी प्रकार के भ्रष्टाचारों के खिलाफ लड़ने और कदाचार को समाप्त करने में विश्वास करती है। मुझे उम्मीद है कि विभाग द्वारा सख्त प्रवर्तन के साथ यह उपाय इस तरह के परेशानी को कम करेगा और बहुत सारे ऑटो चालकों को राहत देगा।