जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: 28 मई 2022 को दिल्ली में यमुना नदी के 7 घाटों पर बड़े स्तर से स्वच्छता अभियान का आयोजन किया गया। जलशक्ति मंत्रालय के राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन और विभिन्न एनजीओ के समूहों द्वारा इस स्वच्छता अभियान का आयोजन किया गया।
इस अभियान के तहत कई तरह की श्रमदान गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। सुबह 7 बजे शुरू हुए इस स्वच्छता अभियान में दिल्ली जल बोर्ड और दिल्ली नगर निगम के अधिकारी भी बड़ी संख्या में शामिल हुए।
वहीं इस स्वच्छता अभियान में भारतीयम, रोटरी मंथन, लहर फाउंडेशन, ट्री क्रेज फाउंडेशन, अर्थ वॉरियर्स, एसवाईए, एफओवाई, एसडीएनएच, एचवाईएसएस, वाईपीएफ और छठ पूजा समिति जैसे कई एनजीओ भी शामिल रहे। इसके अलावा, इस अभियान में आईएमएस नोएडा के छात्रों ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।
एनएमसीजी के कार्यकारी निदेशक (तकनीकी) श्री डी.पी. मथुरिया ने भी इस कार्यक्रम में भागीदारी करते हुए बेहतर और उज्जवल भविष्य के लिए हमारी नदी को साफ रखने के महत्व पर युवा छात्रों के साथ बातचीत की। उन्होंने प्रतिभागियों को तेज गति के साथ आगे बढ़ रहे इस स्वच्छ यमुना आंदोलन का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया।
गंगा नदी की सहायक नदियों की सफाई, विशेष रूप से यमुना नदी का कायाकल्प नमामि गंगे कार्यक्रम के प्रमुख उद्देश्यों में से एक है। जिसके लिए कोरोनेशन पिलर पर 318 एमएलडी क्षमता का एसटीपी हाल ही में चालू किया गया है। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा यमुना नदी में प्रदूषण को रोकने के लिए 1385 एमएलडी क्षमता वाली कुल 12 परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है, जिनकी लागत 2354 करोड़ है।