जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) ने Nupur Sharma के पैगम्बर मोहम्मद को लेकर विवादित टिप्पणी पर कतर, ईरान, सऊदी अरब और कुवैत जैसे खाड़ी देशों को जवाब दिया है। मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि हम इस्लामिक सहयोग संगठन (IOC) सचिवालय से अपने सांप्रदायिक दृष्टिकोण को हटाने और सभी धर्मों और धर्मों के प्रति उचित सम्मान दिखाने का आग्रह करेंगे। यह अफसोसजनक है कि ओआईसी सचिवालय ने फिर से भ्रामक और शरारती टिप्पणी की है। यह केवल स्वार्थों के इशारे पर अपनाए जा रहे विभाजनकारी एजेंडे को उजागर करता है।
विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि एक धार्मिक व्यक्तित्व को बदनाम करने वाले आपत्तिजनक ट्वीट और टिप्पणियां कुछ व्यक्तियों द्वारा की गई थीं। वे किसी भी रूप में भारत सरकार के विचारों को नहीं दर्शाते हैं। संबंधित निकायों द्वारा इन व्यक्तियों के खिलाफ पहले ही कड़ी कार्रवाई की जा चुकी है।
बता दें कि खाड़ी क्षेत्र के महत्वपूर्ण देशों ने इन टिप्पणियों की निंदा करते हुए कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी। कतर और कुवैत स्थित भारतीय दूतावास के प्रवक्ता ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘राजदूत ने बताया कि वे ट्वीट किसी भी तरह से भारत सरकार के विचारों को नहीं दर्शाते। ये संकीर्ण सोच वाले तत्वों के विचार हैं।’ टिप्पणियों को लेकर मुस्लिम समुदाय के विरोध के बीच भाजपा ने एक तरह से दोनों नेताओं के बयानों से किनारा करते हुए कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती है और उसे किसी भी धर्म के पूजनीय लोगों का अपमान स्वीकार्य नहीं है। इन विवादित टिप्पणियों के कारण अरब देशों में ट्विटर पर भारतीय उत्पादों के बहिष्कार के लिए एक अभियान भी चलाया गया।