अदालत बंद कर दे ? SC की टेलीकॉम कंपनियों को फटकार
नई दिल्ली – शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को बड़ा झटका दिया है। जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू यानी (AGR) के बकाया चुकाने में देरी पर टेलीकॉम कंपनियों और सरकार को जमकर फटकार लगाई है।
- SC की टेलीकॉम कंपनियों को फटकार
- आखिरी तारीख 23 जनवरी बीती
- टेलिकॉप कंपनियों को अवमानना का नोटिस जारी
दरसल टेलीकॉम कंपनियों ने पैसा चुकाने के लिए मोहलत मांगी थी। जहां आखिरी तारीख 23 जनवरी बीत चुकी है। जिस पर जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच ने कहा की जस्टिस अरुण मिश्रा ने याचिकाओं पर नाराजगी जताते हुए कहा, ‘ये याचिकाएं दाखिल नहीं करनी चाहिए थीं। ये सब बकवास है। क्या सरकारी डेस्क अफसर सुप्रीम कोर्ट से बढ़कर है जिसने हमारे आदेश पर रोक लगा दी। अभी तक एक पाई भी जमा नहीं की गई है। हम सरकार के डेस्क अफसर और टेलीकॉम कंपनियों पर अवमानना की कार्रवाई करेंगे। क्या हम सुप्रीम कोर्ट को बंद कर दें ? क्या देश में कोई कानून बचा है? क्या ये मनी पॉवर नहीं है?’
सुप्रीम कोर्ट ने कड़े शब्दों में कहा कि इस प्रकार की मोहलत मांगने वाली याचिका दाखिल ही नहीं करनी चाहिए थी। ये सब शोर-शराबा कौन कर रहा ?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा-‘ हम इस मामले में बहुत कड़े शब्दों का इस्तेमाल करना चाहते हैं। यह पूरी तरह से बेवकूफी है। जो कहना था हमने कह दिया। आपको पैसा चुकाना ही होगा।’
सुप्रीम कोर्ट ने 17 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने भारती एयरटेल, वोडाफोन- आइडिया, रिलायंस कंम्युनिकेशन, टाटा टेलीसर्विसेज और अन्य कंपनियों के एमडी और डेस्क अफसर को अवमानना मामले की सुनवाई का सामना करना होगा।