नई दिल्ली: वित्तीय संकट से गुजर रही टेलीकॉम कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट ने जबरर्दस्त झटका दिया है। तीन प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों से एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू में 92,000 करोड़ रुपये वसूलने फैसला सुना दिया है। इस बकाए का भुगतान कब होगा इसका निर्धाराण कोर्ट ही करेगा।
टेलीकॉम कंपनियों को पूरी राशि ब्याज के साथ विभाग को देनी होगी
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि एजीआर में लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम उपयोग के अलावा अन्य किए गये खर्च को भी शामिल करना डीओटी का हक बनता है। जस्टिस अरुण मिश्र की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने इस फैसले में टेलीकॉम कंपनियों की सभी दलीलों को खारिज कर दिया है । अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि टेलीकॉम कंपनियों को पूरी राशि ब्याज के साथ विभाग को देनी होगी
टेलीकॉम कंपनियों के भुगतान की समय सीमा अदालत तय करेगा
अदालत के इस फैसले का असर शेयर बाजार पर भी दिखता नज़र आया और वोडाफोन आइडिया के शेयर में 19 फीसद की गिरावट हुई है कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है इस मुद्दे पर अब कोई मुकदमेबाजी दर्ज नहीं होगी। टेलीकॉम कंपनियों के भुगतान की समय सीमा अदालत तय करेगा। इसी साल जुलाई में केंद्र सरकार ने अदालत को बताया था कि भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और एमटीएनएल व बीएसएनएल पर लाइसेंस फीस का 92,000 करोड़ रुपये बकाया है।