कोरोना का क़हर : जानिए लॉकडाउन और सीलिंग में अंतर
देश में कोरोना वायरस महामारी थमने का नाम नहीं ले रही है। हर रोज मौत की संख्यां में वृद्धि दिख हो रही है।भारत में इस महामारी ने अब तक पांच हजार से ज्यादा लोगो को चपेट में लिया है। अब तक इस वायरस से डेढ़ सौ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी हैं। केंद्र सरकार ने पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन किया था, मगर हालत बिगड़ते जा रहे हैं। कुछ जगह तो ऐसी हालत है कि पूरे इलाके में कर्फ्यू लगाना पड़ जा रहा है। इसी क्रम में कई इलाकों को सील किया गया है। बुधवार को उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश व दिल्ली के कुछ हॉटस्पॉट्स स्थानों को चिन्हित कर पूरी तरह सील कर दिया गया। हॉटस्पॉट्स सील की खबर सुनते लोग बड़ी संख्या में दुकानों पर निकल आए। लोगों में राशन और उपयोग की वस्तुओं को लेकर परेशानी दिखने लगी। इस लेख में आपको लॉकडाउन और सीलिंग के बारे में बताते हैं।
लॉकडाउन में कैसी होती है व्यवस्था ?
लॉकडाउन के दौरान आप एहतियात के साथ जरूरी सामान लेने या फिर बहुत ज्यादा इमरजेंसी होने पर बाहर जा सकते हैं। दैनिक उपयोग जैसे फल, सब्जियां, राशन, दूध, दवाइयों के लिए बाहर जाया जा सकता है ।वहीं आपातकालीन सेवाएं भी चालू रहती हैं। लॉकडाउन में बेवजह घरों से निकलने पर कानूनी रोक है। लेकिन इसमें पूर्ण तरीके से रोक नहीं होता है कुछ हालातों में आना जाना किया जा सकता है। भारत में लॉकडाउन , 25 मार्च से लागू है, बावजूद इसके ,लगातार कोरोना मरीजों की सख्या और मौत की संख्या भी बढ़ती जा रही है। महाराष्ट्र, राजस्थान, केरल, मध्य प्रदेश, दिल्ली और नॉएडा की स्थिति बेहद खराब है। नॉएडा दिल्ली , इंदौर, भीलवाड़ा जैसे शहरों में लॉकडाउन के बावजूद मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। ऐसे में स्थिति बिगड़ती देख सरकार को ‘हॉटस्पॉट’ जगहों चिन्हित करने की जरुरत पड़ी और इन जगहों को सील कर दिया गया है। और आगे भी ऐसे जगहों को चिन्हित किया जायेगा।
सीलिंग में छूट बिल्कुल नहीं
देश में लॉकडाउन के बाद भी जिन इलाकों से कोरोना के मामले बढ़ते गए, वहां सब कुछ सील कर दिया गया है । ‘सीलिंग’ मतलब किसी भी प्रकार की छूट नहीं। लोगों को घरों से बाहर निकलने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई। दूध-राशन जैसी किसी भी तरह की छूट नहीं है। सब दुकानें बंद करा दी गईं। डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग शुरू की गई। संदिग्ध लोगों के सैंपल लिए गए। कोई भी चूक होने की स्थिति न बनने के लिए सीलिंग की जरुरत पड़ी। हर पॉजिटिव केस की संपर्कों की भी पहचान होगी ताकि कोई छूट ना जाए। कुछ मिलाकर इन इलाकों को पूरी तरह से अन्य क्षेत्रों से अलग कर दिया गया ताकि संक्रमण इन इलाकों से बाहर ना जाए। इसी तर्ज पर बाकि राज्यों जैसे यूपी, एमपी व दिल्ली के सभी हॉटस्पॉट्स सील करने के आदेश दिए गए हैं। कई जिलों में हालात ऐसे बन गए हैं कि पूरे जिले को सील करना पड़ा। भीलवाड़ा और इंदौर इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं। भीलवाड़ा और इंदौर की स्थिति बदतर हो गई है। यहाँ लगातार मरीजों की संख्या के साथ साथ मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है।
जिला नहीं हॉटस्पॉट होंगे सील
कोरोना वायरस के चलते यूपी के 15 जिलों को सील किए जाने की खबर आई तो कई जगहों पर लोग मार्केट की ओर दौड़ पड़े और दुकानों पर लंबी लाइन लग गई। लेकिन सरकार ने साफ किया है कि पूरे जिले को नहीं, बल्कि सिर्फ हॉटस्पॉट्स को सील किया जाएगा। यही हाल मध्य प्रदेश व दिल्ली का भी है। इसलिए आम जनता को यह समझना होगा की सीलिंग लॉकडाउन में अंतर है इसलिए घबराने से की जरुरत नहीं बल्कि सावधानी बरतनी है।
राजधानी दिल्ली में सीलिंग
राजधानी में अब तक 20 ऐसी जगहें हैं, जिन्हें कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट के तौर पर चिन्हित किया गया है। इन सभी जगहों को सील कर दिया गया है। यहां से किसी को बाहर आना या यहां पर किसी को जाने की इजाजत नहीं है। बुधवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि सदर इलाके में कई मामले सामने आने पर इस इलाके को पूरी तरह से सील किया गया है। दूसरी तरफ यूपी सरकार ने भी 15 जिलों में कई हॉटस्पॉट्स को चुनकर उन्हें पूरी तरह सील करने का ऐलान किया है। 15 जिलों के कुल 104 हॉटस्पॉट को सील किया जा रहा है। दिल्ली सरकार ने बुधवार को मास्क पहनना भी अनिवार्य कर दिया है। दिल्ली में बिना मास्क पहने घर से निकलने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। । दिल्ली के सीएम अरविंद केजरावील ने बुधवार को कहा कि चेहरे के मास्क पहनने से कोरोना वायरस को बढ़ने से काफी हद तक रोका जा सकता है। इसको देखते हुए दिल्ली सरकार ने फैसला लिया है कि किसी के भी घर से बाहर निकलने के लिए चेहरे पर मास्क लगाना अनिवार्य होगा। गौरतलब हो कि, दिल्ली देश के उन राज्यों में शामिल है, जो कोरोना से काफी ज्यादा प्रभावित हैं।