नई दिल्ली- राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। बुधवार को अशोक गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल का पहला विस्तार हुआ, जिसमें 23 मंत्रियों ने शपथ ली, लेकिन कांग्रेस में आपसी रार खत्म होती नहीं दिख रही है। अब मुख्यममंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच मंत्रालयों को लेकर मतभेद की खबर सामने आ रही है। खबरों के मुताबिक, दोनों नेताओं में वित्त मंत्रालय और गृह मंत्रालय को लेकर खीचतान जारी है।
गहलोत और पायलट के बीच खींचतान जारी
मुख्यममंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच मंत्रालय को लेकर चल रही खींचतान के बीच राजस्थान के प्रभारी अविनाश पांडे ने दोनों नेताओं से मुलाकात की और राहुल को रिपोर्ट सौंपी। अब ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि मुख्यमंत्री पद का फैसला करने के बाद मंत्रालय के बंटवारे के लिए राहुल गांधी को आगे आने पड़ेगा।
23 विधायकों ने ली शपथ
बता दें कि राजस्थान में सोमवार को गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल का गठन हुआ। मंत्रिमंडल में कुल 23 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली, जिनमें 13 कैबिनेट और 10 राज्यमंत्री बनाए गए। राजभवन में राज्यपाल कल्याण सिंह ने शपथ दिलाई। गहलोत मंत्रिमंडल में एक मुस्लिम विधायक को भी जगह दी गई है।
पायलट पर भारी गहलोत
गहलोत मंत्रिमंडल में आधे से ज्यादा नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। सियासी पंडितों की माने, तो मंत्रिमंडल में 60 फीसदी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थकों को मंत्री बनाया गया है, जबकि करीब 40 फीसदी उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थकों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। यानि साफ है कि गहलोत एक बार फिर पायलट से आगे दिखाई दिए।
मुख्यमंत्री पद को लेकर हुई थी माथापच्ची
राजस्थान में मुख्यमंत्री बनाने के लिए दिल्ली में कांग्रेस राहुल गांधी के घर दो दिनों तक माथापच्ची चली थी। मुख्यमंत्री पद के लिए अशोक गहलोत और सचिन पायसट ने अपना दावा ठोंका था, लेकिन कांग्रेस हाईकमान की पहली पसंद अशोक गहलोत थे। दो दिनों की माथापच्ची के बाद गहलोत के नाम ही मुहर लगी, जबकि सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री बनाया गया।