नई दिल्ली: Punjab Congress Crisis: पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने बागी खेमे को तगड़ा झटका दिया है। बागी मंत्रियों और विधायकों से बैठक के बीच उन्होंने ऐलान कर दिया कि पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई में लड़ा जाएगा। हरीश रावत ने यह भी साफ किया कि पंजाब में नेतृत्व में कोई बदालाव नहीं होगा और कैप्टन अमरिंदर सिंह ही मुख्यमंत्री रहेंगे।
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Punjab Congress Crisis: विधायकों के साथ बैठक
इसी बीच उनकी CM कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत का झंडा लिए चंडीगढ़ से देहरादून पहुंचे बागी मंत्रियों और विधायकों के साथ बैठक चल रही है। मीटिंग में 4 मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा, सुखजिंदर रंधावा, चरणजीत सिंह चन्नी, सुखबिंदर सिंह सुख सरकारिया और 3 विधायक बरिंदरमीत पहाड़ा, कुलबीर जीरा और सुरिंदर धिमान शामिल हैं। पंजाब कांग्रेस के महासचिव प्रगट सिंह देहरादून नहीं गए लेकिन वो हाईकमान से वक्त मिलने के बाद इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने के लिए चंडीगढ़ से सीधे दिल्ली पहुंचेंगे।
(Punjab Congress Crisis) सलाहकारों ने गलत टिप्पणियां की
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी व पटियाला की सांसद परनीत कौर ने कहा कि यह पूरा प्रकरण उनके द्वारा (नवजोत सिंह सिद्धू ) द्वारा शुरू किया गया, और उनके सलाहकारों ने गलत टिप्पणियां की। लेकिन, सीएम ने परिपक्वता और बड़ी सोच का प्रदर्शन किया। एक बार आलाकमान ने नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनाने का फैसला कर लिया तो कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साफ कहा कि यह कांग्रेस प्रधान का फैसला है और उन्हें मंजूर है।
पार्टी को चुनाव से पहले ही नुकसान
सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह भी नाराजगी प्रकट कर चुके हैं। उनके खेमे में कहा जा रहा है कि बेवजह सलाहकारों की भीड़ खड़ी कर सिद्धू खुद को ताकतवर दिखाने की कोशिश में हैं। लेकिन इस वजह से पार्टी को चुनाव से पहले ही नुकसान हो रहा है। इधर आला कमान फिलहाल पंजाब में बढ़ रही गर्मी को ठंडी करने की कोशिश कर रहा है।
मुख्यमंत्री का समर्थन करने की घोषणा
कैप्टन अमरिंदर सिंह खेमा भी सक्रिय हो गया है। कैप्टन अमरिंदर समर्थकों का हौसला कल बागी नेताओं की बैठक में शामिल हुए छह विधायकों के बाद में पलट जाने और मुख्यमंत्री का समर्थन करने की घोषणा से बढ़ा है। कैप्टन विरोधी गुट की मंगलवार को हुई बैठक में शामिल हुए विधायक अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, दलवीर सिंह गोल्डी, कुलदीप वैद्य, संतोख सिंह भलाईपुर , अंगद सिंह और गुरकीरत सिंह कोटली ने देर रात कहा कि उन्हें नहीं पता था कि बैठक में इस तरह की बातें होंगी और सीएम बदलने की मांग होगी। बैठक में शामिल होने वाले पूर्व विधायक अजीत सिंह मोफर ने भी कैप्टन अमरिंदर का समर्थन किया है।