National Crime Records Bureau की रिपोर्ट में सामने आया के नतीजों का सच
नई दिल्ली : नोटबंदी के बाद भी नकली नोटों का फर्जीवाड़े का खेल रुकने का नाम नहीं ले रहा है, काले धन को सामने लाने और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए नोटबंदी का फैसला अब तक पूरी तरह से कारागार साबित नहीं हो रहा है , आपको बता दें कि 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांच सौ और हजार के नोट बंद कराने के एलान के साथ नए नोटों के सुरक्षा पहलुओं का भी दावा किया गया था,लेकिन एनसीआरबी NCRB के आंकड़े कुछ और ही बता रहे हैं।
46.06 करोड़ कीमत के नकली नोट पकड़े गए
बता दें कि साल 2017-2018 में कुल 46.06 करोड़ कीमत के नकली नोट पकड़े गए, इसमें दो हजार के नोटों की हिस्सेदारी 2017 में 53.3 प्रतिशत और 2018 में बढ़कर 61.1प्रतिशत हो गई, आरबीआइ की 2018-19 की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2017-18 के दौरान बैंक में लेनदेन के दौरान दो हजार के 17,929 नकली नोट मिले, अगले ही साल यह संख्या बढ़कर 21,847 हो गई।
जब्त नकली नोटों में दो हजार की सबसे ज्यादा हिस्सेदारी गुजरात से
बता दें कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो National Crime Records Bureau से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार जब्त नकली नोटों में दो हजार की सबसे ज्यादा हिस्सेदारी गुजरात से हैं, 2018 में 6.93 करोड़ कीमत के दो हजार के नकली नोट गुजरात से मिले जबकि पश्चिम बंगाल से 3.5 करोड़, तमिलनाडु से 2.8 करोड़ और उत्तर प्रदेश 2.6 से करोड़ कीमत के बराबर दो हजार के नोट मिले, खास बात यह है कि झारखंड, मेघालय और सिक्किम के अलावा चंडीगढ़, दादर और नगर हवेली, दमन और दीव, पुडुचेरी से दो हजार का एक भी नकली नोट नहीं पकड़ा गया।