नई दिल्ली: Expressway: जब पुरी दुनिया की रफ्तार थम चुकी थी। लोग अपने घरों में कैद होकर रह गये थे। तब भारत के परिवहन मंत्रालय ने अद्भुत काम किया। इसी का नतीजा है कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे जिस पर बृहस्पतिवार से वाहनों ने रफ्तार भरना शुरू कर दिया है। एक्सप्रेस वे पर सफर करने वाले लोग उत्साहित हैं और खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। कभी सरकार ने देश के दो शहर दिल्ली से मेरठ के बीच की यात्रा को कम करके 45 मिनट करने की कल्पना किया था। 16 साल बाद यह कल्पना वास्तविकता बन गई। इस एक्सप्रेसवे की कई खास बाते हैं, उनमें से एक है इसकी चौड़ाईं। यह एक्सप्रेसवे देश का सबसे चौड़ा एक्सप्रेसवे है।
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Expressway: इस तरह चला अभियान और ये रही खास़ बातें
1. वर्ष 2006 में पहली बार एनएच नौ के चौड़ीकरण की मांग उठी।
2. वर्ष 2009 में भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह आगे आए, अभियान में तेजी आई।
3. वर्ष 2010 में एनएचएआइ ने छह लेन टोल रोड बनाने का प्रस्ताव बनाया।
4. वर्ष 2012 में चार अगस्त पर डीएम गाजियाबाद के एनएचएआइ के प्रस्ताव पर जनसुनवाई। हुई, श्री कुमार माहेश्वरी ने विरोध किया।
5. 18 अगस्त 2012 को राजनाथ सिंह ने तत्कालीन केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री सीपी जोशी को पत्र लिखा।
6. 12 दिसंबर 2012 राजनाथ सिंह ने लोकसभा में एनएच 9 व एनएच 58 के चौड़ीकरण का मुद्दा उठाया।
7. जनवरी 2013 से फरवरी 2013 तक दैनिक जागरण ने 50 दिनों तक लगातार अभियान चलाया।
8. 8 फरवरी 2013 को आंदोलनकारी जंतर मंतर पर प्रदर्शन के लिए पहुंचे, राजनाथ सिंह भी शामिल हुए।
9. 21 फरवरी 2013 आंदोलनकारी भूतल परिवहन मंत्री से मिले।
10. 27 फरवरी 2013 में राजनाथ सिंह ने इस मामले को संसद में उठाया और इसे देश की सुरक्षा व आर्थिक विकास के लिए अहम बताकर पैरवी की।
11. वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले ही 12 लेन के लिए टेंडर जारी हुआ, कमियां होने के कारण आंदोलनकारियों ने काम शुरू नहीं होने दिया।
12. अक्टूबर 2015 में एनएचएआइ ने दोबारा 7566 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया
13. 31 दिसंबर 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजियाबाद में खोड़ा के पास एनएच 9 चौड़ीकरण व दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस वे के शिलान्यास की नींव रखी।-एक अप्रैल 2021 को दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस वे आम जनता के लिए खुला।
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