रिवर फ्रंट मामले पर कार्रवाई की तैयारी
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के शासन काल में हुए गोमती रिवर फ्रंट घोटाले (Gomti Riverfront Scam) में सीबीआई (CBI) ने अपनी प्रारंभिक जांच पूरी कर ली है। सीबीआई अब अलग-अलग टेंडर में हुए घपले की अलग-अलग एफआईआर (FIR) दर्ज करेगी।
14 ठेकेदारों पर भी शिकंजा कसा जा सकता
एफआईआर दर्ज करने के लिए सीबीआई ने अपने मुख्यालय से इजाजत मांगी है। बताया ये भी जा रहा है कि इस मामले में करीब आठ इंजीनियरों का फंसना तय है। वहीं खबर ये भी है इसके अलावा 14 ठेकेदारों पर भी शिकंजा कसा जा सकता है।
CBI की प्रारंभिक जांच में टेंडर देने में घपले के सबूत मिले
इन सभी इंजीनियरों का नाम सीबीआई की पहले दर्ज एफआईआर में भी है। आपको बता दें कि दो साल पहले गोमती नगर थाने में दर्ज एफआईआर के आधार पर सीबीआई ने मामले में एफआईआर दर्ज की थी। जानकारी के मुताबिक, सीबीआई की प्रारंभिक जांच में टेंडर देने में घपले के सबूत मिले हैं।
2017 में योगी सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दिए थे
आपको बता दें कि गोमती रिवर फ्रंट के लिए सपा सरकार ने 1513 करोड़ स्वीकृत किए थे, जिसमें से 1437 करोड़ रुपये जारी होने के बाद भी मात्र 60 फीसदी काम ही हुआ। मामले में 2017 में योगी सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दिए थे।