नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर का प्रबंधन संभालने वाले न्यास का नया अध्यक्ष सर्वसम्मति से नियुक्त किया गया। वह गुजरात में गिर-सोमनाथ जिले के प्रभास पाटन मेंइस पद पर आसीन होने वाले दूसरे प्रधानमंत्री हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के बाद मोदी दूसरे ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्हें इस मंदिर न्यास का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। न्यास के रिकॉर्ड के अनुसार मोदी न्यास के आठवें अध्यक्ष बने हैं।

Germany की एंजेला मर्केल का भारत दौरा, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक
पीएम मोदी ने स्वीकारी जिम्मेदारी
गौरतलब है कि न्यासियों ने सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्रस्ट का अगला अध्यक्ष चुना ताकि वह आने वाले समय में मार्गदर्शन कर सकें। प्रधानमंत्री ने इस जिम्मेदारी को स्वीकार कर लिया और सोमनाथ मंदिर न्यास की सराहना भी की है। प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि न्यास भविष्य में बुनियादी संरचना को उन्नत करने, आवास व्यवस्थाओं में सुधार करने और तीर्थयात्रियों का हमारी महान धरोहर से मजबूत संपर्क स्थापित करने में सक्षम होगा। वहीं, न्यास के सचिव पी के लाहेरी ने कहा कि सोमनाथ मंदिर न्यास के न्यासियों में शामिल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज न्यासियों की डिजिटल बैठक के दौरान नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उन्होंने शाम को हुई ऑनलाइन बैठक के बाद कहा, यह पद केशूभाई के निधन के बाद से खाली था। बैठक में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशूभाई को श्रद्धांजलि भी दी गयी।

Tandav Web Series पर हिन्दुओं की भावनाएं आहत करने का आरोप ||
सोमनाथ मंदिर न्यास के सदस्यों में आडवाणी और शाह भी शामिल
न्यास के अन्य सदस्यों में बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, गुजरात के विद्वान जे डी परमार और व्यापारी हर्षवर्द्धन नेवतिया हैं। लाहेरी ने बताया कि जब शाह ने प्रधानमंत्री मोदी का नाम अध्यक्ष पद के लिए प्रस्तावित किया तो मैंने उसका समर्थन किया और अन्य न्यासियों ने सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री को नया अध्यक्ष चुन लिया।

AMU में बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो देश का है, वो हर देशवासी का है
मोरारजी देसाई ने अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवा दी
आपको बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में न्यास के निवर्तमान अध्यक्ष गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशूभाई पटेल के निधन के बाद सोमनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष का पद रिक्त था। पटेल 16 सालों तक (2004-2020) इस न्यास के अध्यक्ष रहे थे। न्यास के रिकॉर्ड के अनुसार मोरारजी देसाई ने 1967 से 1995 तक न्यास के अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवा दी थी।