जनतंत्र डेस्क, चंडीगढ़: बजट सत्र में हरियाणा की मनोहर लाल सरकार जबरन धर्मांतरण के संबंध में कानून लेकर आई है। विधानसभा में शुक्रवार को ‘हरियाणा विधि विरूद्ध धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक-2022’ विधानसभा में पेश किया गया। गृह मंत्री अनिल विज ने ये विधेयक सदन में पेश किया और इसकी खूबियां बताई।
Haryana Budget: बजट में 1200 से ज्यादा अनियमित कॉलोनियां हो सकती हैं रेगुलर
नए विधेयक में जबरन धर्मांतरण करवाने वालों को 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। गृहमंत्री अनिल विज के अनुसार, इस विधेयक में सजा का प्रावधान तीन अलग श्रेणियों में किया गया है। नाबालिग, महिला समेत अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से जुड़े हुए जबरन धर्मांतरण करने के मामलों में ज्यादा सजा का भी प्रावधान हो सकता है।
नए विधेयक में जबरन धर्मांतरण पर क्या कार्रवाई
शादी के लिए झूठ बोलकर, अनुचित प्रभाव डालकर, प्रलोभन देकर या डिजिटल संसाधनों का इस्तेमाल कर धर्मांतरण कराने वाले को कम से कम एक साल और अधिकतम पांच साल की सजा और एक लाख रुपए जुर्माना लगाया जाएगा।
शादी के आशय से जो अपना धर्म छिपाएगा, उसके धर्मांतरण करने पर कम से कम तीन साल और अधिकतम दस साल की सजा और तीन लाख रुपए जुर्माना लगाया जाएगा।
व्यक्तिगत या किसी संगठनों की ओर से सामूहिक धर्मांतरण करने वालों के कारावास की अवधि कम से कम पांच वर्ष और अधिकतम दस वर्ष समेत चार लाख रुपए जुर्माना लगाया जाएगा।
विधेयक पेश करते हुए गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि हरियाणा में जबरन सामूहिक या व्यक्तिगत धर्मांतरण के कई केस सामने आए हैं। ऐसी घटनाएं ना सिर्फ व्यक्तियों की धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करती हैं बल्कि हमारे समाज के सामाजिक-धार्मिक ताने-बाने को भी आघात पहुंचाती हैं।