नई दिल्ली: असम के दरांग जिले में मासूम बच्चे अपनी जान खतरे में डाल कर स्कूल जाने को मजबूर हैं । छात्रों को अपने घर से स्कूल तक जाने के लिए सड़क भी नसीब नहीं है। देश भर के लगभग सभी शहरों में सुबह की दिनचर्या एक सी होती है । आमतौर पर बच्चे अपने माता पिता के साथ सड़क पर बसों में कार से या फिर पैदल स्कूल जाते हुए दिखाई देते है। लेकिन असम के दरांग जिले से आई ये तस्वीरें देश में शिक्षा और विकास के मुद्दे पर सवाल उठा रही है । यहां के बच्चों को स्कूल जाने के लिए सड़क तक नसीब नहीं हैं । बच्चे जान हथेली पर रखकर स्कूल जाने को मजबूर हैं।
हम बात कर रहे हैं दरांग के काचोमरी प्राइमरी स्कूल की, जहां इन बच्चों को स्कूल तक पहुंचने के लिए नदी पार करना एक आदत सी बन गई है । पुल ना होने की वजह से किस तरह ये बच्चे स्कूल पहुंच रहे हैं। कोई नदी पार करने के लिए केले के तने का सहारा ले रहा है तो कुछ नदी में तैरते हुए जा रहे हैं, यही नहीं नदी पार करने के लिए बच्चे एल्यूमीनियम के बर्तन तक का इस्तेमाल कर रहे हैं । वाकई ये तस्वीर हैरान करने वाली है। बच्चों को जान हथेली में रखकर हर रोज़ स्कूल आने के लिए 40-45 फीट चौड़ी नदी पार करनी पड़ती है। तस्वीर देख कर ये अंदाजा लगाया जा सकता है की असम में शिक्षा और विकास की क्या हालत है।
बच्चों के माता-पिता अब इस बात से चिंतित हैं कि कहीं कोई अनहोनी उनके बच्चों के साथ ना हो जाए। यही वजह है कि हर दिन मां-बाप अपने बच्चों को स्कूल तक किसी न किसी तरीके से पहुंचाकर उनके भविष्य का रास्ता बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं।
माता-पिता कई बार प्रशासन से पुल बनाने की मांग कर चुके हैं। लेकिन न तो पुल बना और ना ही कोई रास्ता ऐसे में सवाल उठता है कि क्या प्रशासन और सरकार किसी बड़ी घटना होने का इंतजार कर रही है।