नई दिल्ली: भारत में काेराेना के टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू हाेने जा रही है.भारत काे कोवैक्स वैश्विक वैक्सीन शेयरिंग योजना के तहत सहायता मिलनी भी शुरू हाे गई है. बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन और गावी की ओर से कोवैक्स प्लान चलाया जा रहा है. इसका उद्देश्य गरीब और मध्यम आमदनी वाले देशों को जांच किट, दवा और वैक्सीन उपलब्ध कराना है।
टीकाकरण का प्रथम चरण-
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि, कोवैक्स वैश्विक वैक्सीन शेयरिंग योजना से सहायता मिलने के बाद भी भारत को टीकाकरण के प्रथम चरण में बड़ी धनराशि की जरूरत पड़ सकती है. गावी वैक्सीन गठबंधन ने बताया कि अनुमान के अनुसार, भारत को अभी ,टीकाकरण कार्यक्रम के प्रथम चरण में 103.11 अरब से 132.57 अरब रुपये तक की धनराशि खर्च करनी पड़ेगी।
भारत का टारगेट-
भारत ने काेराेना काे हराने के लिए एक टारगेट तय किया है, जिसमें अगले 6-8 महीनों के दौरान 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन दी जाएगी. आकड़ो के मुताबिक कोरोना वायरस संक्रमण के मामले में अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर भारत है. बता दें कि वहीं टीकाकरण के लिए एस्ट्राजेनेका, रूस की स्पुतनिक-V, स्वदेशी भारत बायोटेक और जायडस कैडिला की वैक्सीन को शामिल करने की संभावना भी जताई जा रही है।
इतने रुपए की धनराशि होगी खर्च-
भारत को कोविड-19 वैक्सीन के लिए 19 से 25 करोड़ डोज कोवैक्स फैसिलिटी के तहत मिलने पर सरकार को बाकी के डोज के लिए 103.11 अरब रुपये खर्च करने होंगे. मंगलवार से शुरू हुई गावी की तीन दिवसीय बैठक में एक रिपाेर्ट तैयार की गई, जिसका प्रकाशन होना अभी बाकी है।
रिपोर्ट के अनुसार अगर भारत को 9.5-12.5 करोड़ वैक्सीन की खुराक से कम आवंटित होती है, तो अतिरिक्त डोज की खरीदारी पर सरकार को 132.57 अरब रुपए चुकाने होंगे. जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि, भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश में टीकाकरण के लिए फंडिंग की कितनी बड़ी चुनौती है।