नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन और और घाटी से धारा 370 को हटाए जाने के फैसले के बाद पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए घाटी में रोज़गार के अवसर सृजित करने और उद्योग-धंधों के स्थापना की बात की थी, जिससे घाटी का विकास हो सके। वहीँ सरकार अब इस मसले को लेकर गंभीर नज़र आ रही है। जम्मू-कश्मीर पर लिए गए बड़े फैसले के बाद अब अक्टूबर में जम्मू-कश्मीर में निवेश सम्मलेन का आयोजन होगा, जिसके लिए 2000 से ज्यादा निवेशकों को न्योता भेजा गया है।
सरकार की तरफ से कहा गया था कि घाटी से धारा 370 के हटने के बाद उद्योग धंधों की स्थापना होगी, जिससे राज्य का तेज़ी से विकास होगा। संसद में अमित शाह ने विधेयक पर चर्चा के दौरान भी कहा था कि धारा 370 के कारण वहां कोई उद्योग फल-फूल नहीं सका है, जिसके कारण बड़ी संख्या घाटी के युवा बेरोज़गारी के शिकार हैं। अब सरकार ने इसी दिशा में काम करना शुरू कर दिया है और सरकार के द्वारा अक्टूबर में निवेश सम्म्मेलन का आयोजन होने जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक 12 अक्टूबर को इस कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी, जिसके लिए 000 से ज्यादा निवेशकों को न्योता भेजा गया है। जम्मू-कश्मीर में आयोजित होने जा रहा ये निवेश सम्मलेन राज्य में पहला निवेश सम्मलेन होगा। जम्मू-कश्मीर के प्रधान सचिव (कॉमर्स एंड इंडस्ट्री) एन के चौधरी ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अक्टूबर 12 से 14 के बीच ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट आयोजित करने का फैसला लिया है।