नई दिल्ली : श्रीनगर के लालचौक पर सोमवार को भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक बार फिर तिरंगा फहराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया, इस दौरान कई भाजपा कार्यकर्ता गिरफ्तार भी किए गए। बता दें कि पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के तिरंगे के अपमान के विरोध में शनिवार को कुछ प्रदर्शनकारियों ने पीडीपी कार्यालय में तिरंगा फहरा दिया और नारेबाजी की थी। इस दौरान कार्यालय में मौजूद पीडीपी नेताओं के साथ प्रदर्शनकारियों की नोंकझोंक भी हुई।
पीडीपी प्रवक्ता एवं पूर्व एमएलसी फिरदोस टाक ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि कार्यालय पर हमला हुआ है। उनके साथ और पीडीपी के अन्य नेता परवेज वफा के साथ हाथापाई की गई। टाक ने कहा कि कुछ शरारती तत्व राजनीतिक विचारधारा को हिंसा में बदलने की कोशिश कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि पीडीपी राष्ट्रीय ध्वज का कोई अपमान नहीं कर रही है, पार्टी केवल अपनी विचारधारा पर अडिग है। अनुच्छेद 370 पार्टी की विचारधारा से जुड़ा एजेंडा है। पार्टी ने पुलिस में कोई मामला दर्ज नहीं करवाया है, लेकिन पार्टी नेताओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस की है।
चौदह माह तक नजरबंद रहीं पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने रिहा होते ही कश्मीर घाटी में अलगाववाद को हवा देनी शुरू कर दी है। नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम फारूख अब्दुल्ला के चीन की मदद से 370 बहाल करवाने के बयान के बाद महबूबा मुफ्ती ने भी शुक्रवार को अपनी अलगाववादी सोच स्पष्ट कर दी है। प्रेस कांफ्रेंस ने उन्होंने कहा कि आज jammu kashmir news liveके भारत के साथ वह सहज नहीं हैं।
महबूबा ने कहा, आज के भारत में अल्पसंख्यक, दलित आदि सुरक्षित नहीं हैं। यह एक सियासी जंग है जो कि डॉ. फारूक, उमर या सज्जाद लोन अकेले नहीं लड़ सकते और एक साथ होकर भी नहीं लड़ सकते। हमें लोगों का साथ चाहिए। महबूबा ने कहा, आज तक यहां के लोगों का खून बहा और अब हम जैसे लीडरों की खून देने की बारी है। हम हिंसा नहीं चाहते लेकिन वे हिंसा चाहते हैं।