जनतंत्र डेस्क, रांची: झारखंड के देवघर में रोप-वे हादसे में ज्यादातर लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है। 48 में से 43 लोगों को निकाल लिया गया है। जबकि 4 लोग अभी भी फंसे हुए हैं। फंसे हुए लोग एक ट्रॉली में हैं। 3 दिन के रेस्क्यू ऑपरेशन में फंसे हुए लोगों तक खाना-पानी पहुंचाया गया। अंधेरा होने से सोमवार शाम को रेस्क्यू रोक दिया गया।
Jharkhand: रोप-वे हादसा, वायु सेना का ऑपरेशन जारी: 2 की मौत-कई घायल, हवा में लटकी 48 जिंदगियां
हादसे में अब तक तीन लोगों की मौत हुई है। इनमें से एक की मौत हेलिकॉप्टर से गिरने से हुई। रेस्क्यू के वक्त शाम साढ़े पांच बजे दुमका जिले के शिकारीपाड़ा के रोजगार सेवक राकेश मंडल का हेलिकॉप्टर में चढ़ने के दौरान सेफ्टी बेल्ट टूट गया। इससे वह करीब डेढ़ हजार फीट गहरी खाई में गिर गया। इससे उसकी मौत हो गई।
Rescue operations underway by Indo-Tibetan Border Police (ITBP) personnel alongwith sister organizations at Trikut Ropeway, #Deoghar. #Himveers pic.twitter.com/516IQvtE87
— ITBP (@ITBP_official) April 11, 2022
ITBP, NDRF, सेना और वायुसेना रेस्क्यू में जुटी
रविवार को देवघर स्थित त्रिकुट पहाड़ पर रविवार को बड़ा हादसा हो गया था। यहां रोप-वे का सैप अचानक टूट गया जिससे कई ट्रॉलियां आपस में टकराकर झटके से नीचे गिर गईं। सोमवार को सेना, वायुसेना, ITBP और NDRF की टीमों ने 12 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था। इसमें 33 लोगों को तीन हेलिकॉप्टर और रस्सी के सहारे बचाया गया था।
वहीं, मंगलवार सुबह तक 43 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया। रात में अंधेरा होने के कारण ऑपरेशन रोकना पड़ा। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई जबकि 12 घायल हैं। रोप-वे के तार के कारण लोगों तक पहुंचना सेना के लिए मुश्किल हो गया था।