नई दिल्ली : कैलाश मानसरोवर की यात्रा पहले से अब और आसान हो गई है आज भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा उत्तराखंड में बनाए गए धारचूला-लिपूलेख मार्ग का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्घघाटन किया बता दें बीआरओ ने पिथौरागढ़ के धारचूला और लिपूलेख के मार्ग को आपस में जोड़ दिया है।
बता दें कि बीआरओ ने 90 किलोमीटर की इस सड़क से धारचूला को लिपूलेख से जोड़ दिया हैं और यह विस्तार 6000 से 17060 फीट की ऊंचाई पर है यह नई सड़क का निर्माण पिथौरागढ़ से तवाघाट होते हुए से घटीअबागढ़ से सीधे कैलाश मानसरोवर के द्वार पर समाप्त होगा।
जानकारी के अनुसार लिपूलेख का रास्ता 90 किलोमीटर का ऊंचाई वाला ट्रैक था जिस पर अधिक उम्र वाले यात्रियों को चढ़ाई करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता था लेकिन अब यात्रियों को कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा अब इस रास्ते पर यात्री अपने वाहनों से आना जाना कर सकते हैं। और यात्रा के लिए 2 रास्ते हैं पहला लिपूलेख दूसरा सिक्किम में नाथुला से।
Delighted to inaugurate the Link Road to Mansarovar Yatra today. The BRO achieved road connectivity from Dharchula to Lipulekh (China Border) known as Kailash-Mansarovar Yatra Route. Also flagged off a convoy of vehicles from Pithoragarh to Gunji through video conferencing. pic.twitter.com/S8yNeansJW
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) May 8, 2020
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा ”मानसरोवर यात्रा के लिए आज एक लिंक रोड का उद्घाटन करके खुशी हुई। बीआरओ ने धारचूला से लिपूलेख (चीन बॉर्डर) को जोड़ने की उपलब्धि हासिल की है, इसे कैलाश मानसरोवर यात्रा रूट के नाम से जाना जाता है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वाहनों के एक जत्थे को पिथौरागढ़ से गुंजी के लिए रवाना किया।
वहीं राजनाथ सिंह ने बीआरओ को बधाई देते हुए कहा कि संगठन ने पिछले कुछ सालों में सीमांत इलाकों को जोड़ने का बेहतरीन काम किया है।