जानिये क्या खास है उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकाल मन्दिर के बारे में

Mahakal Temple Ujjain: विश्व प्रसिद्ध Jyotirlinga Baba Mahakal Corridor का 11 अक्टूबर, दिन मंगलवार यानी आज PM मोदी के द्वारा लोकार्पण होगा, उज्जैन का प्राचीन नाम उज्जयिनी है, यहाँ के राजा के नाम से मशहूर बाबा महाकाल को 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जहां हर 12 साल में सिंहस्थ महाकुंभ का आयोजन किया जाता है। उज्जैन को मोक्षदायनी नगरी भी कहा जाता है, इस नगरी के विकास के लिए राज्य सरकार ने महाकाल कॉरिडोर का निर्माण करवाया है। जिसका उद्घाटन पीएम मोदी ने करेंगे, इस उद्घाटन समारोह के लिए देश के करीब 600 साधु-संत और कलाकारों को आमंत्रित किया गया है।
कैसा दिखता है, महाकाल मन्दिर

Mahakal Temple Ujjain: यह मंदिर तीन मंजिला है, सबसे नीचे महाकालेश्वर, मध्य में ओंकारेश्वर और ऊपरी हिस्से में नागचंद्रेश्वर के लिंग स्थापित हैं, परिसर के मुताबिक तीर्थयात्री केवल नाग पंचमी पर नागचंद्रेश्वर लिंग के दर्शन कर सकते हैं।मंदिर-परिसर में कोटि तीर्थ नाम का एक बहुत बड़ा कुंड भी है, जिसकी शैली सर्वतोभद्र मानी जाती है। कुंड के पूर्व में एक-सा बड़ा बरामदा है, जिसके उत्तरी भाग में एक कोठरी में है, इस कोठरी में श्रीराम और देवी अवंतिका की पूजा की जाती है, हिंदू धर्म में इस कुंड के पवित्र जल का बहुत महत्व माना जाता है। कुंड की सीढ़ियों से सटे मार्ग पर परमार काल के दौरान बनाए गए मंदिर की मूर्तिकला की भव्यता को दर्शाने वाले कई चित्र देखे जा सकते हैं। बात मुख्य मंदिर की करें, तो इसके दक्षिणी हिस्से में शिंदे शासन के दौरान बनाए गए कई छोटे शिव मंदिर हैं, जिनमें वृद्ध महाकालेश्वर, अनादि कल्पेश्वर और सप्तर्षि के मंदिर प्रमुख हैं, ये वास्तुकला के उल्लेखनीय नमूने माने जाते हैं।
पुराणों में भी है प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर का जिक्र

Mahakal Temple Ujjain: पुराणों में भी यहाँ के विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के बारे में उल्लेख किया गया है, यहां मौजूद महाकाल वन में स्थित होने के कारण यह ज्योतिर्लिंग भी महाकाल कहलाता है, मेघदूतम के प्रारंभिक भाग में, कालिदास ने महाकाल मंदिर का एक आकर्षक विवरण दिया है। शिवपुराण के अनुसार नन्द से आठ पीढ़ी पहले एक गोप बालक द्वारा महाकाल की प्रतिष्ठा हुई थी, स्कन्दपुराण के अवन्ती खण्ड में भगवान महाकाल का भव्य प्रभामण्डल प्रस्तुत किया गया है।
मन्दिर परिषर के लोकार्पण के बाद इस ऐतिहासिक कॉरिडोर को आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा।