शिवराज सरकार 4 : मंत्रियों को मिली जिम्मेदारियां , विभाग का हुआ बटवारा
मध्य प्रदेश में विभागों का बंटवारा , मंगलवार को 5 मंत्रियों ने ली थी शपथ
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट गठन के 24 घंटे बाद विभागों का बंटवारा कर दिया है. शिवराज ने ट्विटर के जरिए मंत्रियों के विभागों की जानकारी दी. वरिष्ठ नेता नरोत्तम मिश्रा को गृह और स्वास्थ्य मंत्रालय का जिम्मा दिया गया है. कोरोना वायरस के संकट के बीच विपक्ष की ओर से लगातार हमला किया जा रहा था कि राज्य में कोई भी स्वास्थ्य मंत्री नहीं है, ऐसे में अब सरकार की ओर से तुरंत ही कैबिनेट मंत्रियों को विभाग बांट दिए गए.
मंत्री और उनके विभाग
1. नरोत्तम मिश्रा – गृह और स्वास्थ्य मंत्रालय
2. तुलसीराम सिलावट – जल संसाधन मंत्रालय
3. कमल पटेल – कृषि मंत्रालय
4. गोविंद सिंह – खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रालय
5. मीना सिंह – आदिम जाति कल्याण मंत्रालय
गौरतलब है कि 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान ने राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी, लेकिन कोरोना के बढते प्रकोप के बीच अबतक वो बिना मंत्रिमंडल के ही काम कर रहे थे। वहीं , विपक्ष की तरफ से निशाना साधा जा रहा था कि शिवराज सिंह चौहान सदी के सबसे बड़े स्वास्थ क्राइसिस के समय अकेले ही सरकार चला रहे। मुख्यमंत्री बनने के करीब 29 दिन के बाद शिवराज ने अपनी कैबिनेट का गठन किया और मंगलवार को राजभवन में 5 मंत्रियों ने शपथ ली।
आपको बता दें कि, पांच मंत्रियों में 2 मंत्री तुलसी सिलावट व गोविंद सिंह राजपूत सिंधिया गुट से कांग्रेस से आये हैं वहीं ३ भाजपा से हैं। इन मंत्रियों के चयन में जहां भाजपा ने सिंधिया गुट के अलावा क्षेत्रीय और जातीय समीकरण को साधते हुए चयन किया गया है।
मंत्रियों के विभाग के बटवारे के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर क सबको बधाई दिया है
मंत्रिमंडल के सभी साथियों को अपने-अपने विभागों का पदभार ग्रहण करने पर मेरी शुभकामनाएं। हम सब मिलकर मध्यप्रदेश की सेवा करेंगे और प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नये भारत के विज़न को प्रदेश में साकार करेंगे। pic.twitter.com/fTeRUWtSfG
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) April 22, 2020
15 वर्ष का राजनितिक वनवास ख़त्म कर सत्ता में आई कांग्रेस के सर पर लंबे वक्त से संकट के बादल मंडरा रहे थे, जिसके बाद 22 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा देने का ऐलान किया। करीब 10 दिन चले इस उठापटक के बाद अंततः 22 मार्च को कमलनाथ को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा और 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. लेकिन 24 मार्च को ही देश में लॉकडाउन लागू हो गया, जिसकी वजह से शिवराज कैबिनेट का विस्तार नहीं कर पाए थे