जनतंत्र डेस्क, नई दिल्ली: महाराष्ट्र में चल रहे सियासी उथल पुथल के बाद अब Aarey मेट्रो शेड पर घमासान बड़ता दिख रहा है। बता दें कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के चीफ राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे ने एकनाथ शिंदे सरकार के पहले ही फैसले पर सवाल उठा दिया है। दरअसल उन्होंने कहा कि नई सरकार का नया फैसला मेरे और असंख्य पर्यावरण कार्यकर्ताओं, पर्यावरण प्रेमियों के लिए चौंकाने वाला है।
मनसे की छात्र शाखा के अध्यक्ष अमित ठाकरे ने आगे कहा कि विकास समय की जरूरत है लेकिन पर्यावरण की कीमत पर नहीं। साथ ही उन्होंने कहा कि हमें बेशक निश्चित रूप से विकास की आवश्यकता है, लेकिन पर्यावरण को खत्म करके यह काम करना बिवकुल ठीक नहींं। उनका कहना है कि राजनेताओं को इस बारे में सोचना चाहिए कि अगर हमारा पर्यावरण पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा तो फिर राजनीति या शासन करने के लिए कोई नहीं बचेगा।
जूनियर ठाकरे ने कहा कि मैं नए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से आरे मेट्रो कार शेड से संबंधित अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करता हूं। बता दें कि महाराष्ट्र में सरकार बनाते ही एकनाथ शिंदे की सरकार ने आदेश जारी किया है कि मेट्रो शेड आरे कॉलोनी में शिफ्ट होगी।
क्या है मेट्रो कार शेड?
दरअसल, मुंबई मेट्रो 33.5 किलोमीटर लंबे कोलाबा-बांद्रा सीपज अंडरग्राउंड मेट्रो लाइन के लिए MMRDA एक मेट्रो कार शेड बना रही है। ये मेट्रो प्रोजेक्ट शिवसेना और बीजेपी के लिए लंबे वक्त से विवाद की वजह बन गई है। यह मेट्रो शेड पहले आरे कॉलोनी में बन रहा था। शिवसेना 2015 से इस प्रोजेक्ट को आरे कॉलोनी से हटाकर दूसरे स्थान पर ले जाने की मांग कर रहा थी।
इस प्रोजेक्ट के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गई थीं। हालांकि, पेड़ों की कटाई रोकने की मांग को लेकर दायर याचिकाओं को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद मेट्रो कॉर्पोरेशन ने यहां पेड़ों की कटाई शुरू कर दी थी। बीएमसी ने मेट्रो अधिकारियों को 2,700 पेड़ गिरने की अनुमति दी थी। मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन का कहना था कि केवल छोटे से हिस्से से ही पेड़ों की कटाई की जाएगी।
मुंबई की ग्रीन लैंड है आरे
आरे मुंबई शहर के अंदर बसा एक ग्रीन लैंड है. यहां पर लगभग 5 लाख पेड़ हैं और यहां जानवरों और पक्षियों की कई प्रजातियां पाई जाती हैं. इस स्थान की हरियाली की वजह से इसे ‘ग्रीन लंग ऑफ मुंबई’ कहते हैं. शिवसेना का कहना है कि यहां मेट्रो कार शेड बनने से पेड़ काटे जाएंगे. वहीं, बीजेपी अबतक मानती है कि आरे ही एक मात्र वो जगह है जहां निर्धारित लागत और तय समय के अंदर मेट्रो शेड का निर्माण किया जा सकता है.