नई दिल्लीः Maharashtra: लखीमपुर हिंसा मामले में सियासी रंग तेज हो गया है। अब महाराष्ट्र में भी लखीमपुर में किसानों की मौत के खिलाफ मोर्चाबंदी शुरू हो गई। महाराष्ट्र सरकार के तीनों दलों कांग्रेस, NCP और शिवसेना ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या के विरोध में आज यानि 11 अक्टूबर को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है। पूरे राज्य में बंद की शुरुआत हो चुकी है। मुंबई, पुणे, नागपुर समेत सभी बड़े शहरों में सड़कों से गाड़ियां गायब हैं और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं। बंद से पहले शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि तीनों दलों के नेता और कार्यकर्ता इस बंद को सफल बनाने की पूरी कोशिश करेंगे।
Maharashtra: लोकल ट्रेन पर असर नहीं
मुंबई में वेस्टर्न, हार्बर और सेंट्रल लाइन की लोकल ट्रेनें रोजाना की तरह सामान्य तरीके से चल रही हैं। अभी तक बंद का कोई खास असर लोकल ट्रेन सेवाओं पर नहीं पड़ा है।
Maharashtra: बेस्ट की बसों में तोड़फोड़ की खबर
लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर हुए बंद का असर बस सर्विस पर भी दिख रहा है। बेस्ट की बसें सुबह से ही नहीं चल रही हैं। इससे आम लोगों की दिक्कत बढ़ गई है। बताया जा रहा है बंद और विरोध के दौरान 8 बसों को नुकसान पहुंचाया गया है। हालांकि बसों में तोड़फोड़ की घटना को महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने खारिज कर दिया। नवाब मलिक ने कहा कि एमवीए के बंद के आह्वान को वामपंथी और कुछ अन्य दलों और ट्रेड यूनियनों का समर्थन मिला है। व्यापक जन समर्थन के साथ पूरे महाराष्ट्र में बंद शांतिपूर्ण ढंग से मनाया जा रहा है। महा विकास अघाड़ी का कहना है कि केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा इस्तीफा दें।
इन सेवाओं पर बंद का असर नहीं
महाराष्ट्र सरकार की ओर से किए गए बंद का असर जरूरी सेवाओं पर नहीं है। अस्पताल और मेडिकल स्टोर खुले रहेंगे। साथ ही रेलवे सेवा पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। हालांकि कुछ जगहों पर ‘रेल रोको आंदोलन’ के कारण सर्विस प्रभावित हो सकती है। किराना, फल और सब्जी की दुकानें, दूध और बेकरी की दुकानें बंद नहीं होंगी। बंद के दौरान सरकारी और प्राइवेट ऑफिस खुलेंगे। वहीं, स्कूल खुलेंगे, लेकिन बस और टैक्सी सर्विस बंद रहने के कारण छात्रों की संख्या प्रभावित हो सकती है।
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया बंद का विरोध
नेता विपक्ष और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं और बाढ़ से राज्य के किसान बेहाल हैं। उसकी तरफ ध्यान देने के बजाय सरकार लखीमपुर खीरी घटना का राजनीतिक लाभ उठाने के लिए बंद का आयोजन कर रही है।