नई दिल्ली : मुंबई क्राइम ब्रांच के साइबर क्राइम डिपार्टमेंट ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो धोखे से एलपीजी वितरक, खुदरा आउटलेट या फिर डीलरशिप दिलवाने की पेशकश करते थे. पुलिस की मानें तो यह आरोपी बड़ी नामी कंपनियों के फर्जी वेबसाइट्स बनाते थे और लोगों को ठगा करते थे. सायबर सेल ने 6 लोगों को बैंगलुरू, रत्नागिरी और बिहार के पटना से गिरफ्तार किया है.

गिरफ्तार आरोपियों में से एक तो इंजीनियर है जिसे इस पूरे खेल का मास्टर माइंड बताया जा रहा है. छानबीन में पता चला कि मास्टरमाइंड ने पहले तेल और गैस कंपनियों की वेबसाइटों का अध्ययन किया. फिर बैंक खाते खुलवाए, और वास्तविक गैस और तेल कंपनियों के समान दिखने वाली वेबसाइटों को डिजाइन किया.
125 से अधिक फर्जी वेबसाइटें बनाई-
जांच एजेंसी से पता चला है कि इस झुण्ड ने कम से कम 10 हजार से ज्यादा लोगों को धोखा दिया है. साइबर अपराधियों के इस गिरोह ने ऐसी 125 से अधिक वेबसाइटें बनाई हैं, जो पेट्रोल पंप और गैस एजेंसियां प्रदान करती हैं. कुछ मामलों में पैसा लेने के लिए ऐसे लोगों के बैंक खातों का इस्तेमाल किया गया, जो इस वारदात का हिस्सा नहीं हैं. लेकिन इस काम की एवज में उन्हें कुछ प्रतिशत कमीशन दिया गया.

Bajaj, HPCL आदि जैसी वेबसाइट्स पर दिखते थे-
ये पूरा मामला मोबाइल मैसेज और ऑनलाइन तरीके से चलने वाले फ़िशिंग और बैंकिंग घोटाले का है. इस गिरोह के विज्ञापन Snapdeal, Reliance Towers, Naaptol, Bajaj Finance, HPCL आदि जैसी वेबसाइट्स पर दिखाई देते थे. साथ ही इन वेबसाइटों के विज्ञापन facebook जैसे अन्य सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर पॉप आउट होते रहे. आरोपी गिरोह के लोग विज्ञापनों में कस्टमर केयर नंबर भी देते थे.