जनतंत्र डेस्क, महाराष्ट्र: महाराष्ट्र सरकार पर सियासी संकट लगातार बढ़ता ही जा रहा है। आज सुबह उद्धव ठाकरे के बेटे और महाराष्ट्र सरकार के पर्यटन और पर्यावरण विभाग के मंत्री आदित्य ठाकरे ने अपने ट्विटर बायो से मंत्री पद के पोस्ट को भी हटा लिया है। जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि उद्धव सरकार ने अपनी हार को स्वीकार कर लिया है। आज शाम 5 बजे उद्धव ठाकरे शिवसेना के विधायकों और सांसदों के साथ बैठक करने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं। इसके बाद उद्धव ठाकरे एनसीपी प्रमुख शरद पवार से भी मुलाकात करेगें।
महाराष्ट्र में सरकार का गणित
महाराष्ट्र में सोमवार को हुए विधान परिषद चुनाव में महाविकास अघाडी का बहुमत 151 तक गिर गया है। राज्यसभा चुनाव के दौरान महाविकास आघाडी के पास 162 विधायक थे। वहीं इससे पहले इनकी संख्या 170 थी। यानी राज्यसभा चुनाव के बाद महाविकास अघाडी के 11 विधायक कम हो गए हैं। वहीं परिषद चुनाव से पहले और बाद में कुल 19 विधायक महाविकास आघाडी से दूर हुए। इधर, अब भाजपा को 134 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। सरकार बनी रहने के लिए 144 का बहुमत जरूरी है। ऐसे में महाविकास अघाडी और भाजपा की संख्या में अंतर बहुत कम रह गया है। महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के पास कुल 56 विधायक है। कानून के हिसाब से शिंदे को 2/3 विधायक यानी 37 विधायक जुटाने होंगे। फिलहाल शिंदे के पास कुल 30 विधायक होने का दावा किया जा रहा है, जिसमें शिवसेना के 15 विधायक है।
कब बनी थी उद्धव ठाकरे की सरकार?
आपको बता दें नवंबर 2019 में उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे। तब उन्हें NCP और कांग्रेस का समर्थन मिला था। वहीं साल 2003 में उद्धव ठाकरे पहली बार शिवसेना में कार्यकार अध्यक्ष बने थे। बाला ठाकरे के निधन के बाद उन्होंने 2013 में शिवसेना की कमान भी संभाली थी।