जनतंत्र डेस्क, महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के सांगली आत्महत्या केस में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस के मुताबिक एक तांत्रिक ने परिवार के नौ लोगों को जहर देकर मौत के घाट उतारा था। इसके बाद तांत्रिक ने मामले को सामूहिक आत्महत्या का रंग दे दिया था। बताया यह जा रहा है कि तांत्रिक अब्बास ने वनमोर भाइयों (डॉ. माणिक वनमोरे और पोपट वनमोरे) के लिए गुप्त धन खोजने का वादा किया था और इसके बदले में उसने मोटी रकम (करीब 1 करोड़ रुपए) भी लिए थे, जब गुप्त धन नहीं मिला तो वनमोरे भाई तांत्रिक से अपनी रकम वापस मांगने लगे, लेकिन अब्बास रुपए वापस नहीं करना चाहता था। दबाव बढ़ा तो उसने वनमोरे भाइयों और उनके पूरे के परिवार दबाव बढ़ा तो उसने वनमोरे भाइयों और उनके पूरे के परिवार को ही रास्ते से हटाने की योजना बना डाली।
सामूहिक हत्याकांड को सामूहिक खुदखुशी का दिया था नाम
जानकारी के मुताबिक, अब तक बताया यह जा रहा था कि 20 जून को मुंबई से साढ़े तीन सौ किलोमीटर दूर सांगली जिले के म्हैसल गांव में एक ही परिवार के 9 लोगों ने जहर खाकर खुदकुशी कर ली थी और डॉ. माणिक वनमोरे और उनके भाई पोपट वनमोरे ने बिजनेस करने के लिए ब्याज पर मोटी रकम ले रखी थी। जिनसे भी इन लोगों ने पैसे लिए थे, वे सभी साहूकार दोनों भाइयों पर पैसे वापस देने का दबाव बना रहे थे। ब्याज पर पैसे देने वाले कुछ लोगों ने इन्हें जलील किया था। इसी अपमान को दोनों भाई सहन नहीं कर पाए और इतना बड़ा कदम उठा लिया था।
दोनों भाईयों के घर के बीच 1.5 किमी की दूरी है। एक घर में 6 शव मिले, तो दूसरे घर में तीन शव मिले थे। पोपट वनमोर (54), उनके भाई और पशु चिकित्सक डॉ माणिक वनमोर (49) समेत उनकी 74 साल की मां, पत्नियों समेत 4 बच्चे अलग अलग घरों में मृत पाए गए थे। पुलिस को दोनों ही घरों से सुसाइड नोट मिले थे। इस मामले में पुलिस ने 9 लोगों की सामूहिक खुदकुशी के मामले में 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। जबकि 12 लोगों को हिरासत में लिया गया था। इन सभी पर आत्महत्या के लिए उकसाने और गैरकानूनी रूप से कर्जा देने के तहत मामला दर्ज किया गया था।