सोनभद्र- उत्तर प्रदेश के जिले सोनभद्र में हुए नरसंहार में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 60 से ज्यादा लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है, जिसमें 11 लोग नामजद और 50 अज्ञात लोग है। पुलिस ने अबतक 24 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई है, उनमें ग्राम प्रधान का भतीजा भी शामिल है। फिलहाल, ग्राम प्रधान पुलिस की गिरफ्त से बाहर है, जिसकी तलाश जारी है।
प्रधान के समर्थकों ने की फायरिंग
बता दें कि पूरा मामला उस 100 बीघे जमीन से जुड़ा है,जिस पर कब्ज़ा ज़माने के लिए प्रधान अपने समर्थकों के साथ पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि जमीन पर कब्जा जमाने के लिए 30 ट्रैक्टर में करीब 300 लोग पहुंचे थे। जमीन पर कब्जे का जब ग्रामीणों ने विरोध किया तो प्रधान ने अपने समर्थकों को कहकर फायरिंग करवा दी, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गयी और 25 लोग घायल हो गए। मरनेवालों में 3 महिलाएं भी शामिल है। वहीं घायलों में कई की हालत नाज़ुक बनी हुई है।
दो जातियां आमने-सामने
स्थानीय लोगों के मुताबिक उम्भा गांव में 200 बीघे जमीन का विवाद लंबे समय से चला आ रहा है और इस जमीन पर कब्जे को लेकर गुर्जर (भूर्तिया) और गोड़ बिरादरी के लोग आमने-सामने आते रहे हैं। हालांकि, इससे पहले मामले को बातचीत से सुलझा लिया जाता था, लेकिन बुधवार को ऐसा नहीं हुआ। 2 साल पहले प्रधान ने 100 बीघे की रजिस्ट्री करवाई थी, जिसके बाद बुधवार को वो अपने काफिले के साथ जमीन पर कब्ज़ा ज़माने पहुंचे। लोगों की मानें तो प्रधान की मंशा 200 बीघे जमीन को जोतकर उस पर कब्ज़ा ज़माने की थी।
खूनी रंग में रंगी खेत की जमीन
प्रधान यज्ञदत्त सिंह, गुर्जर बिरादरी के लोगों के साथ जमीन पर कब्ज़ा ज़माने पहुंचे। जैसे ही इसकी खबर गोड़ बिरादरी के लोगों को मिली तो उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया। मामले ने तुल पकड़ लिया और दोनों पक्षों में झड़प शुरू हो गयी। गुर्जरों ने असलहे और गड़ासे से हमले किए जबकि गोड़ जाति के लोग पथराव करते रहे और लाठी डंडे विरोधियों पर बरसाते रहे। देखते देखते खेत की जमीन खून से रंग गई और चारों और चीख पुकार मच गई।