Nirbhaya के दोषी ने फांसी से बचने के लिए चला नया पैंतरा – Court में दायर की याचिका
नई दिल्ली : देश को दहला देने वाले निर्भया केस (Nirbhaya Case) को 8 साल हो चुके हैं, लेकिन इस केस के दोषियों को अभी तक फांसी नहीं हुई है। हालाँकि तीसरी बार दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट (Death Warrant) जारी हो चूका है और लोगों को उम्मीद है कि अब 1 मार्च को दोषियों को फांसी पर लटका दिया जायेगा। लेकिन जैसे-जैसे फांसी (Death Sentence) की तारीख नजदीक आ रही है, दोषी भी फांसी से बचने के लिए नए-नए पैंतरे आजमा रहे हैं।
Nirbhaya के दोषी विनय ने खुद की मानसिक स्थिति को बताया ख़राब
ताज़ा मामला निर्भया केस के दोषी विनय (Convict Vinay) से जुड़ा है, जिसने फांसी से बचने के लिए एक और नया पैंतरा आजमाया है। दोषी विनय का कहना है कि वह सिजोफ्रेनिया का मरीज़ है और उसे इलाज़ की जरुरत है। इस बाबत दोषी के वकील एपी सिंह ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर उसकी मानसिक स्थिति को ख़राब बताते हुए उसके इलाज़ की मांग की है। इससे पहले दोषी विनय से तिहाड़ जेल में दीवार पर सर मारा था, जिससे वो घायल हो गया था। हालाँकि इलाज़ के बाद उसे वापस जेल भेज दिया गया और अब दोषियों की हरकत पर पैनी नज़र रखी जा रही है।
दोषी के वकील एपी सिंह ने कोर्ट में दायर की याचिका
दोषी के वकील एपी सिंह (AP Singh) द्वारा कोर्ट में याचिका दाखिल कर दोषी को मानसिक तौर पर बीमार बताये जाने और इलाज़ की मांग पर कोर्ट ने तिहाड़ जेल (Tihar Jail) को दोषी के इलाज़ करवाने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने इस मामले की दुबारा सुनवाई के लिए 22 तारीख का दिन मुकर्रर किया है। याचिका में ये भी कहा गया है कि दोषी विनय से मिलने जब उसकी माँ तिहाड़ जेल पहुंची थी, तब विनय ने अपनी माँ को पहचानने से इंकार कर दिया था। याचिका में कहा गया है कि ऐसी स्थिति सिजोफ्रेनिया की हो सकती है, लिहाज़ा दोषी को इलाज़ की जरुरत है।
2 बार रद्द हो चूका है दोषियों के खिलाफ जारी Death Warrant
बता दें कि इससे पहले 2 बार दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी हो चूका है और दोषियों को फांसी पर लटकाने की तारीख का ऐलान हो चूका है, लेकिन क़ानूनी दाँव-पेंच के बल पर डेथ वारंट रद्द हो चूका है। अब तीसरी बार दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी हुआ है और दोषियों को 1 मार्च को फांसी पर लटकाया जाना है। हालाँकि देखना ये है कि ये डेथ वारंट बरकरार रहेगी या नहीं।