पंजाब में मुख्यमंत्री की कुर्सी गंवाने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह मंगलवार शाम दिल्ली पहुंच सकते हैं। सूत्रों की मानें तो कैप्टन अमरिंदर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिल सकते हैं। पंजाब की सियासत से ये खबर सामने आने के बाद पंजाब राजनीति के गलियारों में खलबली मच गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि कैप्टन BJP में शामिल हो सकते हैं। अब इसको लेकर सभी की निगाहें कैप्टन पर हैं, सभी को उनके रुख का इंतजार है। गौरतलब है कि नवजोत सिंह और अमरिंदर सिंह के बीच चले कलह के बाद कैप्टन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। कई नामों पर चर्चा और अंबिका सोनी के सीएम पद संभालने से इंकार के कांग्रेस हाईकमान ने चरणजीत चन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।
Punjab Politics: इस्तीफे के बाद से ही अटकलें तेज
दरअसल, जब कैप्टन अमरिदंर सिंह ने इस्तीफा दिया था. तब उन्होंने साफ तौर पर बीजेपी में शामिल न होने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. कैप्टन ने कहा था कि सभी विकल्प खुले हैं। कैप्जटन की राजनीति के 52 साल के अनुभव और साढ़े 9 साल मुख्यमंत्री रहने पर उनके कई दोस्त बने हैं, कई समर्थक हैं। वो समर्थकों से विचार कर फैसला लेंगे। हालांकि अमित शाह से वो पहले भी मिलते रहे हैं, लेकिन तब वो मुख्यमंत्री थे। अब अचानक उनके दिल्ली जाने से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वो भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
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Punjab Politics: राहुल-प्रियंका को बताया था ‘अनुभवहीन’
पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पर जमकर बरसे थे. उन्होंने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को अनुभवहीन बताते हुए कांग्रेस नेतृत्व के करीबियों केसी वेणुगोपाल, अजय माकन और रणदीप सुरजेवाला पर निशाना साधा. कैप्टन ने कहा था, ”सिद्धू को सीएम बनने से रोकने के लिए किसी भी कुर्बानी को तैयार हैं. आगामी विधानसभा चुनाव में सिद्धू के खिलाफ मजबूत उम्मीदवार उतारूंगा. अगर पंजाब में नवजोत सिद्धू सीएम के चेहरे होते हैं तो कांग्रेस अगर दहाई अंक में भी पहुंची तो बड़ी बात होगी.” कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिद्धू को ‘सुपर सीएम’ और ‘खतरनाक व्यक्ति’ बताया. खैर अब अटकलें तेज हैं कि कैप्टन बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। वैसे सवाल ये भी है कि कहीं कैप्टन अपनी अलग पार्टी तो नहीं बनाएंगे…क्योंकी अलग पार्टी बनाकर वे बीजेपी को समर्थन और कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकते हैं।