जनतंत्र डेस्क, चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया है जिसमें चंडीगढ़ के कर्मचारियों के लिए केंद्रीय सेवा नियम लागू करने के फैसले पर चर्चा की गई है। इस विशेष सत्र में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान चंडीगढ़ को केंद्रीय सेवा नियमों के तहत लाने के फैसले के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया है।
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भगवंत में प्रस्ताव रखा कि केंद्र सरकार चंडीगढ़ को पंजाब को सौंप दे। इससे पहले भी भगवंत मान केंद्र सरकार के उस फैसले का विरोध जता चुके हैं जिसमें केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ के कर्मचारियों को केंद्रीय सेवा नियमों के तहत लाने की घोषणा की थी।
उन्होंने लिखा था कि केंद्र सरकार चंडीगढ़ प्रशासन में अन्य राज्यों और सेवाओं के अधिकारियों और कर्मचारियों की चरणबद्ध तरीके से नियुक्ति कर रही है। ये पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 की भावना के खिलाफ है। पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा है कि पंजाब चंडीगढ़ पर अपने न्यायसंगत दावे के लिए मजबूती से लड़ेगा।
केंद्र सरकार की ओर से जारी नई अधिसूचना में कहा गया था कि चंडीगढ़ के कर्मचारियों को केंद्रीय सेवा नियमों के तहत लाया जाएगा। नई अधिसूचना एक अप्रैल से लागू होगी। इसे केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ कर्मचारी (सेवा शर्त) नियम, 2022 नाम दिया गया है। नई व्यवस्था में सेवानिवृत्ति की उम्र, भत्ते और छुट्टियों संबंधी नियम बदल जाएंगे। अब उन पर केंद्र कर्मचारियों के ही नियम लागू होंगे और केंद्र के आदेश लागू होने के लिए पंजाब सरकार की अधिसूचना का इंतजार नहीं करना होगा।
केंद्र सरकार के इस फैसले का पंजाब सरकार विरोध कर रही है। पंजाब के कई सांसदों ने लोकसभा में भी ये मसला उठाया था।