जनतंत्र डेस्क, जयपुर: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने बुधवार को बजट 2022-23 पेश किया है। बजट को लेकर पक्ष विपक्ष की प्रतिक्रिया आ रही है। लेकिन राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने जो टिप्पणी की है उसकी चर्चा हर कहीं हो रही है। बजट को लेकर सतीश पूनिया ने अटपटा सा बयान दिया है। जिसके बाद वे कांग्रेस के निशाने पर आ गए हैं।
Rajasthan: गहलोत के नए नवेले मंत्री का बयान- सड़कें कैटरीना कैफ के गालों जैसी बननी चाहिए
बजट पेश होने के बाद सतीष पूनिया ने पत्रकारों से बात की। इस दौरान गहलोत सरकार के बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए पूनिया ने कहा, ‘‘लीपापोती वाला बजट है, ऐसा लग रहा है कि किसी काली दुल्हन को ब्यूटीपार्लर में ले जाकर उसका अच्छे से श्रृंगार करके पेश कर दिया गया हो। इससे ज्यादा इस बजट में मुझे कुछ नहीं लगता।‘’
बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए सतीश पूनिया ने औरतों के रंग पर टिप्पणी कर दी। जिसके बाद वे कांग्रेस और कई लोगों के निशाने पर आ गए हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि सतीश पूनिया ने इस तरह की अभद्र और गैर जिम्मेदाराना टिप्पणियों से न सिर्फ महिलाओं का अपमान किया है, बल्कि महिलाओं की गरिमा को भी ठेस पहुंचाई है। महिलाओं, बहनों और बेटियों के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करना भाजपा नेताओं की पहचान बन गया है।
वहीं, सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने भी टिप्पणियों को लेकर सतीश पूनिया की टिप्पणी पर आलोचना की है। कांग्रेस की महिला इकाई ने भी बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष की टिप्पणी की निंदा की। महिला विंग ने आरोप लगाया कि महिला विरोधी मानसिकता बीजेपी के डीएनए में है।
बहरहाल बजट पर अच्छी बुरी टिप्पणी करना विपक्ष का अधिकार है। लेकिन किसी भी नेता को अपनी टिप्पणी में औरत का मजाक बनाने का हक तो संविधान में भी नहीं दिया गया है। समाज में एक गंभीर समस्या है रंगभेद। महिला आम तौर पर ऐसे भेदभाव का सामना करती हैं। लेकिन एक पद पर काबिज वरिष्ठ नेताजी को ये सोचना चाहिए कि उनके ऐसे बयानों से समाज में ऐसी बुराई को बढ़ावा ही मिलेगा। क्या महिला के रंग, श्रृंगार या कद काठी को बिना जोड़े बजट पर कोई टिप्पणी नहीं हो सकती ?