जनतंत्र डेस्क, दौसा: राजस्थान के दौसा में महिला डॉक्टर का सुसाइड मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मरने से पहले डॉक्टर ने सुसाइड लैटर भी लिखा था जिसके सामने आने के बाद राजस्थान के डॉक्टर्स आक्रोशित हैं। महिला को न्याय दिलाने के लिए डॉक्टर्स सड़क पर उतर आए हैं।
‘लड़कियां मां की कोख और कब्र में ही सुरक्षित’, मरने से पहले छात्रा का झकझोर देने वाला नोट
पूरा मामला दौसा जिले के लालसोट क्षेत्र का है। जहां डॉ. अर्चना शर्मा के हॉस्पिटल में डिलीवरी के दौरान एक प्रसूता की मौत हो गई थी। इसके बाद प्रसूता के परिजनों ने डॉक्टर अर्चना पर हत्या का मामला दर्ज करा दिया था। हत्या का मामला दर्ज होते ही 42 वर्षीय डॉक्टर अर्चना डिप्रेशन में आ गई और आत्महत्या कर जान दे दी।
अर्चना शर्मा के कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें लिखा है, ‘‘मैंने कोई गलती नहीं की, किसी को नहीं मारा, मेरा मरना शायद मेरी बेगुनाही साबित कर दे। मैं मेरे पति, बच्चों से बहुत प्यार करती हूं। कृपया मेरे मरने के बाद इन्हें परेशान नहीं करना। पीपीएच कॉम्पलिकेशन है। इसके लिए डॉक्टर को इतना प्रताड़ित करना बंद करो। DONT HARASS INNOCENT DOCTORS, Please, LUV U please मेरे बच्चों को मां की कमी महसूस नहीं होने देना।‘’
महिला डॉक्टर का सुसाइड नोट सामने आने के बाद डॉक्टर्स आक्रोशित हो गए हैं और विरोध कर रहे हैं। बुधवार को राजस्थान के सभी निजी हॉस्पिटल्स ने 24 घंटे का कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है। लालसोट चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा का विधानसभा क्षेत्र है। चिकित्सा मंत्री का कहना है कि दुःखद घटना है, पूरे प्रकरण में जिस भी स्तर पर लापरवाही हुई है, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
डॉ अर्चना शर्मा के दो बच्चे हैं वे एमबीबीएस, एमडी स्त्री रोग, प्रसूति और नि:संतानता विशेषज्ञ के अलावा मेडिकल कॉलेज, गुजरात की एसोसिएट प्रोफेसर रही थीं। अचानक सुसाइड से पूरा परिवार सदमे में है।