नई दिल्लीः Rajasthan: राजस्थान की पोक्सो कोर्ट ने एक एतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने नाबालिग से रेप के मामले में 9 दिन में फैसला करते हुए सजा सुना दी। मामला जयपुर का है। जहां पोक्सो कोर्ट-3 मेट्रो-1 ने 10 वर्षीय मासूम बच्ची से हुये दुष्कर्म की वारदात के महज 9 दिन बाद फैसला सुना दिया। इस मामले में अभियुक्त कमलेश मीणा को कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई है। यह राजस्थान का संभवतया पहला मामला है जिसमें इतनी जल्दी ट्रायल हुआ है और आरोपी को वारदात के महज 13 घंटे बाद गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद 6 घंटे के भीतर कोर्ट में चालान पेश कर दिया गया। उसके बाद अभियोजन ने 5 कार्य दिवस में ट्रायल किया पूरा किया।
अदालत में सिर झुकाए खड़ा रहा अभियुक्त
राजस्थान में पहली बार ऐसा हुआ कि पीड़िता के बयान वीसी के जरिए दर्ज हुए। इसकी वजह ये है कि पीड़िता अस्पताल में भर्ती थी। इस मामले में फैसला जज विकास खंडेलवाल की कोर्ट ने सुनाया है। कोर्ट ने रेपिस्ट कमलेश मीणा को 20 साल की सजा सुनाते हुए उस पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।फैसला सुनाने जाने के दौरान अभियुक्त कोर्ट रूम में सिर झुकाए खड़ा रहा।
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Rajasthan: 9 साल की बच्ची से हैवानियत
दरअसल, कोटखावदा थाना इलाके में 26 सितंबर को 9 साल की बच्ची घर से बाहर कुछ सामान लेने गई थी। इस दौरान आरोपी बच्ची को घर छोड़ने के बहाने अपने साथ ले गया और सूनसान जगह ले जाकर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। इस दौरान अभियुक्त ने बच्ची को जान से मारने की भी कोशिश की। इसी नीयत से कमलेश ने बच्ची का गला दबा दिया और उसे मरा हुआ समझकर वहां छोड़कर फरार हो गया।
Rajasthan: इस तरह की पूरी कार्रवाई
यह घटना 26 सितंबर की है और मामले में 27 सितंबर को रात 12:23 बजे FIR दर्ज की गई। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने बिना देरी किए 27 सितंबर दोपहर 12 बजे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। और तो और पुलिस ने 27 सितंबर की ही शाम 7 बजे कोर्ट में चालान पेश कर दिया। जिसके बाद 28 सितंबर को ट्रायल शुरू हो गया और आखिरी सुनवाई 4 अक्टूबर को हुई। 5 अक्टूबर के दिन कोर्ट ने आरोपी का दोष साबित करते हुए उसे सजा सुना दी।