नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ Supreme court में 59 याचिका पर सुनवाई
नई दिल्ली : केंद्र सरकार (central government) द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन बिल (CAA) के खिलाफ कुल 59 याचिका दायर की गई है,,। याचिकार्ताओं में कई बड़े राजनेता (NGO) वरिष्ठ वकील शमिल है। सुप्रीम कोर्ट में 59 दायर की गई याचिकाओं में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए (CAA) को असंवैधानिक करार दिया गया है। तर्क दिया गया है कि यह कानून संविधान के आर्टिकल 14,21,25 का उल्लंघन करता है, साथ ही भारत की मूल भावना का भी उल्लंघन करता है।
तीन जजों की बेंच इन याचिकाओं पर सुनवाई करेगी
वहीं सीजेआई जस्टिस बोबडे के नेतृत्व वाली तीन जजों की बेंच इन याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। इस बेंच में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं। कानून के मुताबिक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न सहने वाले। और 31 दिसम्बर 2014 तक आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को अवैध शरणार्थी नहीं। बल्कि भारतीय नागरिक माना जाएगा, याचिकाकर्ता का कहना है कि नागरिकता देने के लिए धर्म को आधार नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने नए कानून को संविधान के खिलाफ बताया है।
- नागरिकता कानून पर SC में सुनवाई
- सुप्रीम कोर्ट में दर्ज है 59 याचिकाएं
- जयराम रमेश और ओवैसी ने भी की याचिका दाखिल
- CJI के नेतृत्व वाली तीन जजों की बेंच करेगी सुनवाई
इस कानून को वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं।
वहीं इस नागरिकता सशोंधन बिल को लेकर दिल्ली के कई इलाकों में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं और इस कानून को वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने कुछ गाड़ियों में तोड़फोड़ भी की है और पुलिसकर्मियों पर पथराव भी किया। इस पथराव में कुछ पुलिसकर्मियों के घायल होने की भी सुचना वहीँ उग्र भीड़ को तीतर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे। प्रदर्शन को देखते भारी पुलसि बल को तैनात कर दिया गया है, और हालात पर काबू पाने के प्रयास किये जा रहे हैं। कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया गया है।
दोनों सदनों में पास होने के बाद लोगों का फूटा गुस्सा
बता दें कि हाल ही में संसद के दोनों सदनों से सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल (Citizenship Amendment bill) पास हो चूका है, जिसके बाद अब ये कानून बन चूका है। इस कानून के अनुसार पाकिस्तान (Pakistan), बांग्लादेश (Bangladesh) और आफ्गानिस्तान (Afganistan) से आये हिन्दू, बौद्ध पारसी, इसाई और अन्य धर्मों के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी, जबकि मुस्लिमों को इससे दूर रखा गया है और इसी वजह से जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं।