नई दिल्ली: Afghanistan News: आतंकी संगठन तालिबान के अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़े के बाद भारत सहित बाकि देश अपने नागरिकों को निकलने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहा है। वहीं पाकिस्तान तालिबान का खुल कर समर्थन कर रहा है। ये सभी जानते है कि पाकिस्तान कश्मीर हतियाने के लिए तालिबान का खूब ज़ोर शोर के साथ अपने रिश्ते बनाने में लगा हुआ है। जिसका असर अब पाकिस्तान के क्रिकटर अफरीदी पर भी नज़र आ रहा है।
तालिबान का रुख बेहद पॉजिटिव- अफरीदी
बता दें, पाकिस्तान क्रिकट के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी ने अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने वाले तालिबान का खुल कर समर्थन किया है। कराची से सोमवार को मीडिया से बात करते हुए अफरीदी ने कहा है कि ‘कई मामलों में इस बार तालिबान का रुख बेहद पॉजिटिव नजर आ रहा है। अफगानिस्तान में क्रिकेट के भविष्य पर भी उन्होंने तालिबान के समर्थन की बात कही है। साथ ही अफरीदी ने महिलाओं को लेकर तालिबान के नरम रवैये को भी अच्छा बताया है।
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तालिबान महिलाओं को जॉब भी करने देंगा और पॉलिटिक्स भी जॉइन करने देगा- अफरीदी
अफरीदी ने आगे कहा कि “जहां तक अफगानिस्तान क्रिकेट के भविष्य की बात है तो मुझे नहीं लगता इस पर कोई फर्क पड़ेगा। तालिबान क्रिकेट का समर्थन करता है, “कई मामलों को लेकर अफगानिस्तान में इस बार तालिबान शासन का रुख काफी पॉजिटिव है.” अफरीदी ने ये भी कहा है कि, “महिलाओं को लेकर भी इस बार तालिबान का रुख बेहद नरम है, जो कि बहुत अच्छी बात है। ” उन्होंने कहा है कि, “इस बार तालिबान के रवैए से लगता है कि वो महिलाओं को जॉब भी करने देंगे और उन्हें पॉलिटिक्स भी जॉइन करने देंगे.”
❝Taliban have come with a very positive mind. They're allowing ladies to work. And I believe Taliban like cricket a lot❞ Shahid Afridi. He should be Taliban's next PM. pic.twitter.com/OTV8zDw1yu
— Naila Inayat (@nailainayat) August 30, 2021
तालिबान के आतंक और क्रूरता को भुलाया नहीं जा सकता
मीडिया से बात करते हुए अफरीदी ने ये भी कहा है कि, अगला ‘पाकिस्तान सुपर लीग’ (PSL) उनका आखिरी टूर्नामेंट होगा और वो क्वेटा ग्लेडीएटर्स के लिए खेलना पसंद करेंगे। क्वेटा ग्लेडीएटर्स के मालिक नदीम उमर ने 2022 के PSL टूर्नामेंट में अफरीदी के अपनीं टीम से जुड़ने की संभावनाओं को लेकर पिछले हफ्ते जानकारी दी थी। हालांकि, सोचने वाली बात यह है कि अफगान जमीं से तालिबान की बर्बरता की तस्वीरें देखकर अफरीदी तालिबान को किस तरह सकारात्मक महसूस कर रहे हैं। अफरीदी के बयान के बाद तालिबान के आतंक और क्रूरता को भुलाया नहीं जा सकता।