नई दिल्ली- पांच अगस्त को देश की नरेंद्र मोदी सरकार ने जो ऐतिहासिक फैसला लिया था, वो आज (31 अक्टूबर) से लागू हो गया है। देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के मौके पर आज से दो नए केंद्र शासित प्रदेश मिल गए हैं। ये प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हैं। इसी के साथ ही आज से भारत का हेड कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर में न्यू कश्मीर ने एंट्री दे दी है। संविधान के कुछ समय का अनुच्छेद 370 आज से इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है, अब इसका जिक्र संवैधानिक बहस, राजनीतिक रैलियों और बौद्धिक बहस तक सीमित रह गया है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू-कश्मीर को फिर से मंजूरी 9 अक्टूबर को दे दी थी। गृह मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन में कहा था कि जम्मू और कश्मीर में फिर से अधिनियम, 2019 से पावर्स कंफ्रेड के अकॉर्डिंग 31 अक्टूबर, 2019 को निर्धारित किया जाएगा, इस कानून के अनुसार जम्मू कश्मीर केन्द्र शासित प्रदेश में विधानसभा होगी और लद्दाख, चंडीगढ़ की तरह विधायिका के बिना केन्द्र शासित प्रदेश होगा, यानी कि यहां पर विधानसभा नहीं होगी।
इन दोनों केन्द्र शासित प्रदेशों में कानून एवं व्यवस्था का जिम्मा केन्द्र के पास होगा, यानी यहां की पुलिस गृह मंत्रालय के अधीन होगी। केन्द्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल होगा और इसकी विधानसभा की अधिकतम सीमा 107 होगी जिसे डिलिमिटेशन के बाद 114 तक बढ़ाया जा सकेगा। 31 अक्टूबर 2019 से जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 का कोई इफ्फेक्ट नहीं होगा।
यह प्रोविज़न जम्मू-कश्मीर को अपना कानून बनाने की अनुमति देता था, इसके तहत सुरक्षा और विदेश मामलों और संचार को छोड़कर राज्य प्रशासन के सारे फैसले जम्मू-कश्मीर की विधानसभा को खुद करने का अधिकार था, लेकिन अनुच्छेद 370 के साथ ही जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म हो गया है, साथ ही इस राज्य के विशेष अधिकार भी खत्म हो गए हैं।अनुच्छेद 370 खत्म होते ही 35-A का भी वजूद खुद ब खुद खत्म हो गया है।
35-A अनुच्छेद-370 का ही एक हिस्सा था। वहीं राष्ट्रपति ने 14 मई 1954 को इस आदेश को जारी किया था। इस प्रावधान के खत्म होते ही जम्मू-कश्मीर के अलावा दूसरे राज्यों के नागरिक भी नियमों का पालन करते हुए वहां पर जमीन-मकान खरीद सकेंगे। इसके अलावा दूसरे राज्यों के लोग यहां पर नौकरियां और बिजनेस कर पाएंगे।
पहले जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 साल का होता था, लेकिन अब जब भी जम्मू-कश्मीर में नई विधानसभा का चुनाव होगा, तो इस विधानसभा का कार्यकाल 5 साल ही होगा। अनुछेद 370 खत्म होने के बाद जम्मू-कश्मीर का अलग झंडा नहीं होगा। इस अनुच्छेद के खत्म होने से पहले जम्मू-कश्मीर के सभी सरकारी भवनों और दफ्तरों में जम्मू-कश्मीर और भारत का झंडा एक साथ फहराता था, लेकिन अब कश्मीर का अलग झंडा नहीं होगा।
5 अगस्त को अनुच्छेद-370 खत्म होने के बाद 25 अगस्त को श्रीनगर सचिवालय से जम्मू-कश्मीर का झंडा हटा दिया गया था। वहीं 31 अक्टूबर यानि कि आज से भारत में दो नये प्रदेशों का उदय हुआ है। आज से भारत का नक्शा बदल जाएगा। 31 अक्टूबर से जम्मू-कश्मीर का भारत के नक्शे में अलग वजूद होगा, जबकि केंद्र शासित प्रदेश के रूप में लद्दाख का नक्शा अलग होगा। वहीं दोनों भारत के नक़्शे में दो अलग-अलग जगहों पर दिखाई देंगे।