लखनऊ : कोरोना वायरस के कहर के बीच इस समय देश में 18 प्लस के लोगों का वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) चल रहा है. यही नहीं, यूपी सरकार (UP Government) ने भी 1 मई से कुछ जिलों में जारी कोरोना वैक्सीनेशन को बढ़ाकर 11 जिलों में कर दिया है, जिसमें देश की राजधानी दिल्ली से सटे गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद भी शामिल हैं. इस बीच यूपी के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश के वैक्सीन सेंटर्स से ऐसे लोगों को वापस नहीं लौटाया जाएगा, जो राज्य के निवासी नहीं हैं. दरअसल यूपी का निवासी नहीं होने पर भी रेंट एग्रीमेंट या फिर बिजली बिल जैसे कागजात दिखाकर वैक्सीन का लगवा सकते हैं. जबकि नोएडा में जिले या फिर यूपी का पता जरूरी है.
यूपी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा 7 मई को जारी आदेश के मुताबिक, कुछ जिलों से यह रिपोर्ट आई थी कि रजिस्ट्रेशन के बाद अन्य प्रदेशों के लोग भी वैक्सीन के लिए आ रहे थे. इसके बाद यूपी में वैक्सीनेशन के लिए बिजली, रेंट एग्रीमेंट या स्टूडेंट के लिए हॉस्टल/पीजी कॉन्ट्रैक्ट होना चाहिए. वैसे यह नियम सिर्फ सरकारी वैक्सीनेशन सेंटर्स पर ही लागू होंगे.
नोएडा में इन्हें लगेगी वैक्सीन
दिल्ली से सटे नोएडा में सिर्फ उत्तर प्रदेश के रहने वालों का ही वैक्सीनेशन होगा. अगर दिल्ली के लोग यहां वैक्सीन लगवाना चाहें तो उन्हें वापस लौटना होगा. यूपी सरकार ने निर्देश दिया है कि लोकल एड्रेस प्रूफ के साथ ही आप टीका लगवा सकते हैं. इसके साथ यूपी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने साफ किया है कि अगर आधार कार्ड पर उस जिले और यूपी का पता नहीं है, तो बिजली का बिल, रेंट एग्रीमेंट और अन्य कोई दस्तावेज भी दिखा सकते हैं, जिसमें संबंधित जिले का पता हो. अगर नोएडा या फिर गाजियाबाद का कोई एड्रेस प्रूफ नहीं है तो वैक्सीन नहीं लगेगी.
ग़ाज़ियाबाद में बदलाव
नोएडा के उलट गाजियाबाद में वैक्सीनेशन के लिए अलग नियम है. जिले के प्रभारी जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश का कहना है कि जिस व्यक्ति का जिस सेंटर पर वैक्सीनेशन कराने का स्लॉट बुक होगा, वह वहीं वैक्सीन लगवा सकता है. चाहे वह कहीं का भी निवासी हो.