नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय बजट में पूरे देश में प्रीपेड बिजली मीटर लगाने के लिए तीन लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। आपको बता दें यूपी इसमें सबसे अग्रणी रहने वाला है। अब सरकार हर घर में प्रीपेड मीटर लगाएगी और जितनी बिजली उपभोक्ता उपयोग करेगा उतने ही पैसे की बिजली रिचार्ज करा सकेगा। इससे गलत बिजली बिल जैसी और कई अन्य दिक्कतों से उपभोक्ताओं को छुटकारा मिलेगा।
हर घर प्रीपेड मीटर: स्मार्ट मीटर में आयी परेशानी
प्रदेश के 12 नगरों लखनऊ, बाराबंकी, बरेली, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, मेरठ, सहारनपुर, मथुरा एवं वृंदावन, फिरोजाबाद व अलीगढ़ में स्मार्ट मीटर क योजना चल रही है। 11,38,213 स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। कुल 40 लाख स्मार्ट मीटरों को स्थापित कराये जाने के लिए ईईएसएल से सहमति ली गयी है। अभी तक लगाए गए कुल मीटरों में 330 मीटरों के तेज चलने की शिकायत आई है। यह कुल लगाए मीटरों का 0.03 फीसद है। इन सभी की जांच सीपीआरआई द्वारा कराई जारी है।
प्रीपेड बिजली मीटर को बढ़ावा
स्मार्ट मीटर लगाने के पीछे सरकार की वजहा उपभोक्ताओं को समय पर सही बिल उपलब्ध कराना रहा है। अब उपभोक्ता मोबाइल की तर्ज पर अपना बिजली मीटर रिचार्ज करा सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने केंद्रीय बजट में पूरे देश में प्रीपेड बिजली मीटर लगाने के लिए तीन लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। यूपी को इसमें सबसे ऊपर रखा गया है।
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आपको बता दें प्रदेश सरकार में किसानों को सिंचाई की सुविधा हेतु 1,36,775 नये निजी नलकूप संयोजन दिये गये है। प्रदेश में 2,227 कृषि फीडरों को पृथक किया गया है। इसके अतिरिक् 1,857 करोड़ रु. के ए.डी.बी. ऋण की मदद से 1,649 कृषि पोषकों का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है।
बिजली के दामों पे नियंत्रण
पॉवर कार्पोरेशन 90 हजार करोड़ रुपये के घाटे में है। पूर्व सरकार की आर्थिक अनियमितताएं, लापरवाही के कारण बहुत बड़े घाटे में कार्पोरेशन गया है। आप भी तक सरकार गांव में 18 घंटे बिजली दे रही है। निश्चित रूप से जिन फीडरों पर घाटा हो रहा है उनपर बिजली ज्यादा देने से घाटा और बढ़ेगा।अब बता दे जनसहभागिता बढ़ाकर बिजली के दाम पर नियंत्रणकरने की कोशिश कर रहे है।अभी गांव में केवल 25 फीसद लोग ही बिजली बिल ही दे पा रहे है। 75 फीसद लोग किसी न किसी वजह से बिल नहीं दे पा रहे हैं। इस पर नियंत्रण रकने की कोशिश जारी रहेगी।