जनतंत्र डेस्क, नई देल्ली: हाइवे यात्रा करने वालों को ना तो अब जाम की समस्या का सामना करना पड़ेगा ना ही लंबी लाइन में लगना पड़ेगा और ना ही इस बात की चिंता करनी पड़ेगी की पांच किलोमीटर सफर तय करने के बाद आपको पूरा टोल देना होगा। बता दें कि राजस्थान में जल्द ही हाइवे हाइटेक होने वाले हैं।
दरअसल इन पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर सिस्टम लागू होने वाला है। इसकी शुरुआत राजस्थान से गुजरने वाले ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे से हो होगी। केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय एक नया कॉन्सेप्ट लेकर आया है। बता दें कि राजस्थान में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) एक ऐसा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे बना रहा है, जहां एक भी टोल बूथ नहीं होगा। इसका फायदा सीधा व्हीकल ओनर को होगा क्योंकि उसे उतने ही रुपय देने होंगे जितना वह चला है।
राजस्थान में होगा सबसे बड़ा डेडिकेटेड एक्सप्रेस-वे
जानकारी के लिए बता दें कि पंजाब के अमृतसर से शुरू होकर गुजरात के जामनगर तक बन रहा रहा यह ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे राजस्थान से भी जुड़ेगा। भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बनाए जा रहे इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे की राजस्थान में कुल लम्बाई 637 किलोमीटर है, जबकि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात में इस पूरे प्रोजेक्ट की कुल लम्बाई 1,224 किलोमीटर है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद ये राजस्थान का सबसे बड़ा डेडिकेटेड एक्सप्रेस-वे बन जाएगा।
क्या होता है ANPR सिस्टम
ANPR सिस्टम का मतलब ये है कि पॉइंट पर हाई रिजोल्यूशन वाले कैमरे और नंबर प्लेट रीडर लगाए जाएंगें। साथ ही गाड़ी एग्जिट भी निर्धारित पॉइंट से होगी और वहां से निकलने पर नबंर प्लेट स्कैन होगी। एग्जिट और एंट्री पॉइंट की दूरी का कैलकुलेशन कर रूपये अकाउंट से काट लिए जाएंगे। मुख्य बात यह है कि आप जितनी गाड़ी हाइवे पर चलाएंगे उतने ही रुपये आप के अकाउंट से कटेंगे।
कब बनेगा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे
राजस्थान के जिस जिले से यह एक्सप्रेस वे जाएगा उन जिलों में हनुमानगढ़ बीकानेर जोधपुर बाड़मेर और जालौर शामिल है। इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे के पूरा होने की बात करें तो इसका काम सितंबर 2023 तक पूरा होने की संभावना है।